ગરીબ વર્ગના બાળકો શિક્ષણ મેળવતાં થાય, શાળામાં આવતા થાય તેના ઉપાય સ્વરુપે મધ્યાહન ભોજન યોજના શરુ થઈ હતી. પ્રત્યેક બાળકને ગરમ, પૌષ્ટિક આહાર મળે તે માટે ખાસ વ્યવસ્થા ગોઠવાઈ છે. કરોડો રુપિયાની ગ્રાન્ટ વપરાય છે. પરંતુ, ભ્રષ્ટાચારીઓએ નાના ભુલકાઓના ભોજન પર પણ તરાપ મારી રહ્યા છે.
ભુલકાંઓના ભોજનમાં ભ્રષ્ટાચારઃ મિર્જાપુરની શાળામાં બાળકો મીઠુ અને રોટલી ખાવા મજબૂર ઉત્તરપ્રદેશના મિર્જાપુર ગ્રામસભા હિનૌતાની સીયૂર પ્રાથમિક શાળાના દ્રશ્યો ગુસ્સો અને સંવેદના બંને પેદા કરે તેવા છે. આ શાળામાં અભ્યાસ કરતાં બાળકોને એક વર્ષથી મધ્યાહન ભોજનના નામે ક્યારેક મીઠુ અને રોટલી તો ક્યારેક મીઠુ અને ભાત જ ખવડાવાઈ છે. ગરીબ બાળકો ખાધુ ન ખાધુ કરી ભુખ્યા પેટે જ શિક્ષણ મેળવવા મજબૂર બન્યા છે.
આ અંગે મધ્યાહન ભોજનના ઈન્ચાર્જને પુછતાં તેમણે હાથ ઉપર કરી લીધા હતાં. શાળામાં મુખ્યશિક્ષક ન હોવાથી કોઈપણ ટિપ્પણી આપવાનું ટાળ્યુ હતું.
Etv Bharat એ સમગ્ર ઘટનાનો અહેવાલ પ્રસારિત ભ્રષ્ટાચારની પોલ ખોલી હતી. ત્યારપછી વહીવટીતંત્રની આંખ ખુલી હતી. જિલ્લા કલેક્ટરે શાળાના હેડ માસ્તર અને એક શિક્ષકને સસપેન્ડ કર્યા છે. આ ઉપરાંત પ્રાથમિક શિક્ષણાધિકારીને કારણદર્શક નોટિસ ફટકારી છે.
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https://www.etvbharat.com/hindi/uttar-pradesh/state/mirjapur/children-were-given-salt-bread-in-mid-day-meal-in-mirjapur/up20190822201943100
मिड डे मील में परोसी जा रही है नमक और रोटी, बच्चे खाने को मजबूर
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी और नमक चावल खाने को दिया जा रहा है.
सरकार प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के मिड डे मील पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही हैं. बच्चों के लिए मेन्यू कार्ड भी तैयार किया जाता है. बच्चों को दूध, फल देने का निर्देश भी है. इसके बावजूद बच्चों को रूखा सूखा खाने को मिल रहा है. मिर्जापुर के जमालपुर विकास खंड के ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील के अनियमितता से परेशान बच्चे विद्यालय में भूखे पेट शिक्षा लेने को मजबूर हैं.
यह साल भर से चल रहा है. मिड डे मील के इंचार्ज कहते हैं कि आप कुछ नहीं बोलेंगी. प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर हैं
शांति, शिक्षा मित्र
नमक, रोटी खाकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां 3 अध्यापक हैं लेकिन केवल एक शिक्षामित्र से स्कूल चल रहा है.
अशोक, अभिभावक
यह मामला गंभीर है. मामले पर एबीएसए से आख्या मांगी गई है यहां जो भी टीचर हैं यदि अवगत नहीं कराया गया है तो सभी दोषी माने जाएंगे. जांच कराकर यहां के जो प्रधानाध्यापिका हैं वह छुट्टी पर चल रही हैं. चार्ज बगल वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक को दिया गया है. एक कमेटी बनाकर सामूहिक जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मिर्जापुर: प्राथमिक स्कूल में नमक रोटी खिलाये जाने के मामले में हुई बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में प्राथमिक स्कूल पर मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी दिए जाने के मामले पर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. इसमें जिलाधिकारी ने प्रभारी हेड मास्टर मुरारी और एनपीआरसी अध्यापक अरविंद त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
मिर्जापुर: सरकार हर साल प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के मिड डे मील के लिए लाखों रुपये खर्च करती है. बच्चों के लिए मैन्यू कार्ड भी बनाया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिया गया. इस बात का ईटीवी भारत ने खुलासा किया. ईटीवी भारत की खबर का असर भी हुआ है, जिसमें जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
जिले के जमालपुर विकासखंड के हिनौता ग्राम सभा के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में बच्चों को नमक और रोटी दिए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रभारी हेड मास्टर मुरारी, एनपीआरसी अध्यापक अरविंद त्रिपाठी को सस्पेंड किया है. इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी और उप बेसिक शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ का नोटिस जारी किया है.
- मिर्जापुर के जमालपुर विकासखंड के हिनौता ग्राम सभा के सीयूर प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है.
- प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नमक रोटी खिलाकर देश के भविष्य को तैयार कर रहे अध्यापकों पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है.
- जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार से बेसिक शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी से जांच कराई तो मामला सही पाया गया.
- मामला सही पाए जाने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी हेड मास्टर मुरारी और एनपीआरसी अध्यापक अरविंद त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
- बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है.
- जिलाधिकारी ने भी बीएसए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि आप के रहते हुए इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई.
- जवाब आने के बाद जिलाधिकारी इन दोनों अधिकारियों के ऊपर भी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
यहां पर एक अध्यापिका थीं, जिनकी लापरवाही पहले कई बार सामने आई थी. वह बिना बताए छुट्टी पर चली गईं है. उस अध्यापिका का जुलाई से वेतन भी रोका गया है. उसी समय से यहां पर मिड डे मील की वित्तीय अनियमितता दिखाई दे रही थी. इसको लेकर बगल वाले स्कूल की टीचर को प्रभारी बनाया गया था. उनकी लापरवाही से ये सब मामला हुआ है, सभी की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.
Conclusion: