માહિતી પ્રમાણે, પુલવામાં હુમલા બાદ અમૅરિકા પાસેથી આ પ્રસ્તાવ આવ્યો છે. જો કે, હિંદ-પ્રશાંત મહાસાગરમાં ચીનના વધતા લશ્કરીકરણને ધ્યાનમાં લઈને અમેરિકાએ આ નિર્ણય લીધો છે.
વ્હાઈટ હાઉસના વરિષ્ઠ અધિકારીએ પીટીઆઈ સાથેની વાતચીતમાં જણાવ્યું કે,અમૅરિતાએ ભારતને હથિયારોથી ભરેલ ડ્રોન વેચવાની મંજૂરી આપી દીધી છે. અમેરિકાએ ભારતને સંકલિત હવા અને મિસાઇલ સંરક્ષણ તકનીકની પણ ઓફર કરી હતી, પરંતુ ભારતને આ ડ્રોન ક્યારે આપવામાં આવશે તે નથી જણાવ્યું.
જૂન 2017માં ડૉનાલ્ડ ટ્રંપ અને PM મોદીની બેઠક થઈ હતી, જેમાં અમૅરિકાએ ભારતને ગાર્જિયન ડ્રૉનના દેખરેખ આવૃત્તિને વેચવાની સંમતિ આપી છે. હાલ અમેરિકાના આ પ્રસ્તાવ પર નવી દિલ્હીમાં વિચાર-વિમર્શ કરવામાં આવી રહ્યો છે.
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अमेरिका हुआ तैयार, हथियारों से लैस ड्रोन भारत को देगा, टेंशन में पाक
अमेरिका ने भारत को हथियारों से लैस ड्रोन की बिक्री की मंजूरी दी है, और भारत से हवाई एवं मिसाइल प्रणाली की पेशकश भी की है. पढ़ें पूरी खबर....
नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को हथियारों से लैस ड्रोन की बिक्री की मंजूरी दे दी है.
ड्रोन की बिक्री की मंजूरी के साथ ही अमेरिका ने हवाई एवं मिसाइल प्रणाली की भी पेशकश रखी है, जिसका उद्देश्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों में मदद करना है.
आपको बता दें, पुलवामा हमले के बाद अमेरिका की ओर से यह पेशकश और मंजूरी दी गई है.
हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते सैन्यीकरण को देखते हुए भी अमेरिका ने यह फैसला लिया है.
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई के साथ हुई अपनी बातचीत में बताया, 'अमेरिका ने भारत को हथियारों से लैस ड्रोन बेचने की मंजूरी दी है. हमने भारत को समन्वित हवाई एवं मिसाइल रक्षा प्रौद्योगिकी की भी पेशकश की है.'
अधिकारी ने कोई नाम ना उजागर करने की शर्त पर यह जानकारी दी.
उन्होंने यह नहीं बताया कि भारत को इस ड्रोन की बिक्री कब की जाएगी.
जून 2017 मे डोनाल्ड ट्रंप एवं पीएम मोदी की बैठक हुई थी, जिसमें अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन के निगरानी संस्करण को बेचने पर सहमति जताई थी.
बता दें, भारत परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाला पहला ऐसा देश है जिसे एमटीसीआर (एक मानव रहित हवाई प्रणाली) की पेशकश की गई है, जिसका उद्देश्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों में मदद करना है.
हालांकि अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी नहीं दी लेकिन बताया जाता है कि अमेरिका की पेशकश दो नवीनतम प्रणालियों को लेकर है, जो टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (टीएचएएडी) और पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं.
भारत ने रूस के साथ एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का समझौता किया है. जबकि भारत ने अमेरिकी पेशकश का अभी तक जवाब नहीं दिया है. अमेरिका ने खुद यह पेशकश की है.
अमेरिका की इस पेशकश को लेकर वर्तमान में नई दिल्ली में इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
Conclusion: