দিল্লি, 9 নভেম্বর : জল্পনা চলছিলই । অবশেষে ঘোষণা নিশ্চিত হয়ে গেল । আজ শনিবার 'ঐতিহাসিক' অযোধ্যা মামলার রায় ঘোষণা করতে চলেছে সুপ্রিম কোর্ট । সবকিছু ঠিকঠাক থাকলে সকাল সাড়ে 10টায় রায় ঘোষণা করবে শীর্ষ আদালত । পাঁচ প্রধান মামলাকারীকে এজলাসে উপস্থিত থাকতে নির্দেশ দেওয়া হয়েছে । যেকোনওরকম অপ্রিতিকর পরিস্থিতি এড়াতে তৈরি প্রশাসন । একাধিক এলাকায় জারি করা হয়েছে 144 ধারা । চার হাজারের বেশি সেনা মোতায়েন করা হয়েছে উত্তরপ্রদেশ জুড়ে । সোমবার পর্যন্ত সব স্কুল-কলেজ বন্ধ রাখতে নির্দেশ দিয়েছে সরকার ।
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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
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">अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
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17 তারিখ প্রধান বিচারপতি পদ থেকে অবসর নেবেন রঞ্জন গগৈ । তার আগে বেশ কয়েকটি গুরুত্বপূর্ণ মামলার রায় তিনি ঘোষণা করে যেতে পারেন বলে জল্পনা চলছিলই । দ্রুত অযোধ্যা মামলার রায় ঘোষণার জন্য দৈনিক শুনানির নির্দেশও দিয়েছিলেন তিনি । সেই মতো টানা 40 দিন ধরে চলে শুনানি । গত মাসে শুনানি শেষ হয় । তারপর থেকে শুরু হয়েছিল রায় ঘোষণার কাউন্টডাউন । দিন যত এগিয়েছে পারদ তত চড়েছে । পরিস্থিতির গুরুত্ব বুঝে আজই উত্তরপ্রদেশ সফরে যান প্রধান বিচারপতি রঞ্জন গগৈ । কথা বলেন মুখ্যসচিব, রাজ্য পুলিশের শীর্ষ আধিকারিকদের সঙ্গে । সামগ্রিক পরিস্থিতি নিয়েও আলোচনা করেন ।
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देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।
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— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
অযোধ্যা মামলার রায় যে পক্ষেই যাক না কেন, একটা অশান্তির পরিবেশ তৈরি হতে পারে সেই বুঝে আগে থেকেই সতর্ক রাজ্য এবং কেন্দ্র সরকার । উত্তরপ্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথ শীর্ষ পুলিশ কর্তাদের সঙ্গে বেশ কয়েক দফা বৈঠক করেছেন বলেও খবর । পাশাপাশি কেন্দ্রীয় সরকারের শীর্ষ আধিকারিকরা গোটা দেশের দিকে নজর রাখছেন । রাজনৈতিকভাবে বিষয়টিকে মোকাবিলা করতে কংগ্রেস, BJP সবপক্ষই সমানভাবে তৈরি । ইতিমধ্যেই শান্তি-সম্প্রীতি -একতা বজায় রাখার আবেদন জানিয়ে টুইট করেছেন প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদি । রায় যে পক্ষেই যাক না কেন সবাই যাতে বিষয়টিকে মেনে নেন সেই আবেদনও জানিয়েছেন তিনি । দলীয় পদক্ষেপ ঠিক করতে আজই BJP-র সর্বভারতীয় সভাপতি অমিত শাহ-র নেতৃত্বে জরুরি বৈঠকে বসবেন দলের শীর্ষ নেতারা ।
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अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।
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">अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।
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যাতে কোনওভাবেই 1992 সালের পরিস্থিতির পুনরাবৃত্তি না হয়, সেদিকে খেয়াল রাখা হচ্ছে । শুধু প্রধানমন্ত্রী নন, ইতিমধ্যেই শান্তির আহ্বান জানিয়ে বার্তা দিয়েছেন বাংলার মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় । দিন কয়েক আগেই এক ভাষণে সব পক্ষকে শান্তির বজায় রাখার আবেদন জানিয়েছিলেন ।
অযোধ্যা মামলার রায় নিঃসন্দেহে রাজনৈতিকভাবে তাৎপর্যপূর্ণ হতে চলেছে । 1992 সালে যে ঘটনাকে কেন্দ্র করে গোটা দেশে কার্যত আগুন জ্বলে গেছিল, গোটা দেশে 3000-এর বেশি মানুষ প্রাণ হারিয়েছিলেন, সেই ক্ষত আজও বয়ে বেড়াচ্ছে দেশ । জমি কার, এই নিয়ে বিতর্ক যত তীব্র হয়েছে রাজনৈতিকভাবে মেরুকরণ তত জোরদার হয়েছে । উত্তরপ্রদেশে গেরুয়া শিবির ক্ষমতায় আসার অন্যতম হাতিয়ার হয়ে উঠেছে অযোধ্যা । আজ রায় ঘোষণার পর স্বাভাবিকভাবেই রাজনৈতিক হাওয়া কোন দিকে সেদিকটাও গুরুত্বপূর্ণ হতে চলেছে ।