आबूरोड (सिरोही). समाज में बदलाव का दौर देखा जा रहा है. अक्सर बेटियों को पराया माना जाता था और उन्हें बेटे की अहमियत नहीं दी जाती थी. पर अब रूढ़िवादी परंपराओं से समाज आगे बढ़कर बेटियों को भी बेटों के बराबर मानने लगा है. कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को सिरोही जिले के आबूरोड में देखने को मिला. यहां पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने पिता के शव को मुखाग्नि दी और हिन्दू रीति-रिवाजों से पिता का अंतिम संस्कार किया.
हिंदू परंपरा के अनुसार एक पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार और समस्त रीति रिवाज एक बेटे की ओर से किए जाते हैं, लेकिन अगर किसी पिता के बेटे ना हो तो भाई या अन्य रिश्तेदार मुखाग्नि देते हैं. पर अब परंपराओं में भी बदलाव का दौर देखा जा रहा है. बेटियों को परिवार का हिस्सा माना जा रहा है. जो काम बेटे कर सकते हैं, वह काम बेटियां भी कर सकती हैं.