सीकर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राजस्थान में आने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने की घोषणा की है. सीकर जिले के रींगस में रविवार को भेरुजी के दर्शन करने पहुंचे (Vijay Bainsla Big Statement in Sikar) विजय बैंसला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके पिता और गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक स्वर्गीय कर्नल करोड़ी सिंह बैसला से जो लिखित में समझौता किया था, वह आज भी पूरा नहीं किया गया है.
कांग्रेस सरकार को चेताते हुए बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज की मांगें नहीं मानने पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जोरदार विरोध किया जाएगा. बैंसला ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी, वहां उसका विरोध किया जाएगा और उसे रोकेंगे. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को गुर्जरों के आरक्षण से संबंधित लंबित मामलों को तत्कालीन हटाने की कार्रवाई करनी चाहिए. गुर्जर आंदोलन के दौरान लोगों के खिलाफ हुए दर्ज मामले भी आज तक वापस नहीं लिए गए हैं.
बैंसला की गहलोत सरकार को चेतावनी बैंसला ने कहा कि हमारे संघर्ष के न्याय के लिए सक्रिय राजनीति में आकर (MBC Society Entry in Politics) चुनाव लड़ा जाएगा. अब किसी पार्टी की मेहरबानी की जरूरत नहीं है और हम में दम होगा तो हम निर्णय करेंगे कि किस पार्टी से हमको चुनाव लड़ना है. विजय बैंसला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो-दो बार सहमति पत्र पर लिखित मंजूरी दी थी, जिसमें गुर्जर समाज को सभी मांगें मानने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब सीएम उसका क्रियान्वयन भूल गए हैं.
जाहिर है कि एक तरफ जाट समुदाय ने ओबीसी आरक्षण में विसंगती और वीर तेजाजी किसान कल्याण बोर्ड जैसी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. दूसरी ओर अब गुर्जर भी सरकार के समक्ष चुनौती पेश कर रहे हैं. बैंसला ने कहा कि हमारी मांगों के समर्थन में इस बार हम आर-पार की लड़ाई लड़ने से रुकने वाले नहीं हैं. केवल आश्वासन के सहारे सरकार हमें कब तक लॉलीपॉप देती रहेगी, ऐसा अब नहीं होगा. अब हम किसी मंच पर बैठकर बात करने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने सरकार में बैठे गुर्जर समाज के नेताओं पर भी तंज कसा. बैंसला ने कहा कि सरकार में रहकर भी नेता समाज का काम नहीं करवा सकते, तो समाज को ऐसे तमगे नहीं चाहिए.
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गौरतलब है कि नवबंर 2020 में गुर्जर आंदोलन एक बार फिर सक्रिय हुआ था. कोरोना संकट के बीच कर्नल किरोड़ी बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों की ओर से बढ़ाए गए कदम के बाद सरकार ने गुर्जर नेताओं से बातचीत की और बीच का रास्ता निकालते हुए समाज की कुछ मागों को मानने पर सहमति जताई थी. इसमें पूर्व में आंदोलन में मारे गए 3 आंदोलनकारियों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का भरोसा जताया था. आंदोलन में गुर्जर आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों को वापस लेने पर भी सहमति बनी थी.
वहीं, एमबीसी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए (MBC Reservation in Rajasthan) केंद्र को पत्र लिखने पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था. देवनारायण योजना के क्रियान्वयन और एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष करने और समस्त परिलाभ दिए जाने की भी घोषणा हुई थी. 2013 से 2018 तक की बैकलॉग भर्ती सहमति के प्रयास भी निकालने पर बात बनी थी.