श्रीमाधोपुर (सीकर). त्रिपुरा में 31 बीएसएफ बगाफा बटालियन में तैनात श्रीमाधोपुर के पृथ्वीपुरा निवासी जवान बीरबल यादव की आत्महत्या के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया. जवान का शव बुधवार को जैसे ही पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा, तो परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया.
बीएसएफ जवान के शव को लेने से परिजनों ने किया इंकार परिजनों ने जवान बीरबल राम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने और आत्महत्या की पुष्टि के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही. परिजनों का आरोप है कि जवान ने आत्महत्या नहीं की है. बल्कि, उसकी हत्या की गई है. जिसके बाद उसका शव फांसी के फंदे पर लटकाया गया है. बीएसएफ कमांडेंट और जवानों की समझाइश के बाद भी परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे.
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घटना की सूचना पर थानाधिकारी कैलाश चंद मीणा, तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत, डीएसपी राजेश कुमार, दिनेश कुमार, पूर्व विधायक झाबरसिंह खर्रा, दांतारामगढ थानाप्रभारी लालसिंह यादव भी मौके पहुंचे. बुधवार देर शाम तक जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने त्रिपुरा के संबंधित पुलिस अधिकारियों और बीएसएफ अधिकारियों से फोन पर वार्ता की.
जहां हत्या का केस दर्ज किए जाने और मेडिकल रिपोर्ट तीन दिन बाद भिजवाए जाने के आश्चासन पर परिजनों ने शव लेकर जवान का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. बता दें कि 45 वर्षीय बीरबल राम का शव बीते 22 मई त्रिपुरा में फंदे पर झूलता हुआ मिला था. जिसको लेकर बीएसएफ ने उसकी आत्महत्या की बात कही थी. लेकिन, बुधवार को जैसे ही बीरबल राम का शव सुबह 7 बजे पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा, तो परिजन मेडिकल रिपोर्ट की मांग पर अड़ गए.
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ऐसे में करीब 11 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया. मृतक बीएसएफ जवान बीरबल यादव ने 15 अप्रेल 1999 को बीएसएफ में भर्ती हुए थे. इनके छोटे भाई कैलाश यादव भी बीएसएफ में है और दूसरा छोटा भाई महिपाल आर्मी में है. चार भाईयों में सबसे बड़ा भाई रामचंद्र घर पर रहकर खेती करता है. मृतक के दो पुत्र है.