नीमकाथाना (सीकर). राज्य सरकार ने कोरोना काल में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों का हर महीने एक दिन का वेतन काटने का फैसला लिया था. जिसका प्रदेशभर में विरोध हो रहा है. कर्मचारी सरकार से वेतन कटौती का फैसला वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार की आर्थिक हालात को देखते फाइनेंस विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया था.
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नीमकाथाना में राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में कर्मचारी महासंघ ने वेतन कटौती के आदेश की प्रतियां जलाई. कर्मचारी संघ के सदस्य प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए कर्मचारी हमेशा प्रतिबद्ध हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार की तरफ से कोरोना महामारी के समय उनके वेतन में कटौती की जा रही है. कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल में स्वेच्छा से सरकार को 2 से 5 दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करवाया था. इसके बाद भी सरकार का यह फैसला अन्यायपूर्ण है और दमनकारी है.
कोटा में भी वेतन कटौती का विरोध
पंचायतीराज विभाग के कर्मचारियों ने वेतन कटौती आदेश की प्रतियों की होली जलाकर विरोध किया और जमकर नारेबाजी भी की. राज्य सरकार की ओर से राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती आदेश को लेकर अब कर्मचारी मुखर होने लगे हैं. शिक्षक संगठनों के बाद बुधवार को पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों ने भी सरकार के वेतन कटौती आदेश का विरोध जताया. राज्य सरकार के इस आदेश से राज्य कर्मचारियों में रोष है.