सवाईमाधोपुर.राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि अवैध खनन बंद नहीं होने और ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट पर कार्रवाई नहीं होने पर वे 10 जून से सुरेली रेलवे स्टेशन पर आंदोलन किया (Kirodi Lal Meena warns for agitation on 10th June) जाएगा. आंदोलन के लिए वह रेलवे ट्रैक पर भी सो सकते हैं.
मीणा बनास नदी में अवैध बजरी खनन सहित अन्य मुद्दों को लेकर मंगलवार को जिले के देवली डिडायच रपट पर बनास नदी में आसपास के क्षेत्र के ग्रामीणों की महापंचायत में बोल रहे थे. मीणा ने बजरी के अवैध खनन में ठेकेदारों के साथ प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने बनास नदी में हो रहे अवैध बजरी खनन की रोकने की मांग करते हुए प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. मीणा ने कहा कि अवैध खनन बंद नहीं होने और ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट पर कार्रवाई नहीं होने पर 10 जून से सुरेली रेलवे स्टेशन पर आंदोलन शुरू होगा. आंदोलन के लिए वह रेलवे ट्रैक पर भी सो सकते हैं.
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मीणा ने कहा कि ठेकेदार यदि निर्धारित स्थान से बाहर जाकर खनन करता है, तो गांव के लोग भी खनन करेंगे. यह उनकी रोजी-रोटी से जुड़ा मुद्दा है. यदि पुलिस की ओर से गांव वालों को परेशान किया जाएगा, तो आंदोलन तेज किया जाएगा. उन्होंने ग्रामीणों से बजरी की ट्रॉली के रजिस्ट्रेशन की बात कही और कहा कि उन्हें रवन्ना दिलाया जाएगा. मीणा ने कहा कि खनन के चलते पानी की बड़ी समस्या पैदा हो रही है, लेकिन प्रशासन ठेकेदारों से मिलीभगत कर अपनी जेब भर रहा है. ऐसे में 15 दिन के अंदर यदि अवैध खनन बंद नहीं हुआ तो 10 जून से आंदोलन किया जायेगा. उन्होंने महापंचायत में उपस्थित ग्रामीणों से 10 जून को सुरेली रेलवे स्टेशन पहुंचने की बात कही.
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मीणा ने कहा कि सुरेली में टोंक, सवाई माधोपुर जिले के लोग मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं महापंचायत के दौरान पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पानी पहुंचाए जाने को लेकर बनाई गई ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट परियोजना को लेकर मीणा ने राज्य सरकार को जमकर घेरा. इस दौरान उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए पत्र को दिखाया. मीणा ने कहा कि कमलनाथ ने अशोक गहलोत के पत्र पर 75 प्रतिशत पानी के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था, जिसका प्रमाण उनके पास है. गहलोत की ओर से आज तक मध्य प्रदेश सरकार को प्रस्ताव नहीं भिजवाया जा रहा है. वहीं केंद्र सरकार पर पानी नहीं लाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो सरासर गलत है.