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Tallest Shiv Statue : विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा का मोरारी बापू ने किया लोकार्पण, CM गहलोत समेत कई हस्तियों ने की शिरकत

राजस्थान के नाथद्वारा में 'विश्वास स्वरूपम्' (Tallest Shiv Statue In nathdwara) का लोकार्पण कथा वाचक मोरारी बापू के हाथों किया गया. इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बाबा रामदेव, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया मौजूद रहे.

Tallest Shiv Statue
दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा

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Published : Oct 29, 2022, 9:30 AM IST

Updated : Oct 29, 2022, 5:41 PM IST

उदयपुर.नाथद्वारा में दुनिया की सबसे बड़ी शिव मूर्ति (nathdwara Vishwas Swaroopam ) का लोकार्पण कार्यक्रम आज से शुरू हो गया. 369 फीट की विशाल शिव मूर्ति का लोकार्पण (Tallest Shiv Statue In nathdwara) धूमधाम से हुआ. ये पूरे 9 दिवसीय लोकार्पण महोत्सव का आयोजन है. ततपदम् उपवन द्वारा गणेश टेकरी पर निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण तथा संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित रामकथा महोत्सव के लिए संत मोरारी बापू नाथद्वारा पहुंचे हैं.

51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित है (Vishwas Swarupam Unveiling). जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते है.रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी विद्युत सज्जा की गई है. विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रोता नाथद्वारा पहुंच चुके है. शनिवार शाम 4 बजे मोरारी बापू विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे.

ओम नम शिवाय

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सांस्कृतिक संध्या भी बांधेंगी समा:संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से नौ दिवसीय रामकथा के साथ ही चार दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा. सांस्कृतिक संध्या 2 नवम्बर से प्रारंभ होगी. 2 नवम्बर को गुजराती कलाकार सिद्धार्थ रांधेडिया, 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. 4 नवम्बर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें कवि कुमार विश्वास के साथ ही अन्य ख्याति प्राप्त कवि काव्य रस से माहौल को शिव रस से सरोबार करेंगे. सांस्कृतिक संध्या के अंतिम दिन 5 नवम्बर को सिंगर कैलाश खेर स्वर लहरियों से समा बांधेंगे.

रात में भी खास व्यवस्था

एक नजर विश्वास स्वरूपम् पर:विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है, 369 फ़ीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी. जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) ऑस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

51 बीघा की पहाड़ी पर विराजे भोलेनाथ

जानिए कुछ खास बातें:

  • प्रतिमास्थल का नाम तत्पदम् उपवन रखा है.
  • 44 हजार स्क्वायर फ़ीट में गार्डन बन कर तैयार हो गए हैं
  • 52 हजार स्क्वायर फ़ीट में तीन हर्बल गार्डन होंगे
  • विभिन प्रकार की जड़ी बूटियों के पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं.
  • नाथद्वारा नगर के गणेश टेकरी पर बनी इस शिव प्रतिमा के लिए 110 फीट ऊंचा आधार बनाया गया है
  • मूर्ति की कुल लंबाई 369 फीट है. शिव प्रतिमा के काम में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
  • ऊंचाई पर होने के कारण हवा के वेग तथा भूकम्प के अधिकतम दबाव को ध्यान में रख कर प्रतिमा का निर्माण किया गया है
  • 250 किमी रफ्तार से हवा चलने के दौरान भी प्रतिमा पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा
  • भूकंप हवा के वेग सहित सुरक्षा का ध्यान रखा गया है.
  • 20 किमी की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से भी यह दिखाई देती है

महादेव विशाल:

  • करीब 30 हजार टन है प्रतिमा का वजन
  • 315 फीट की ऊंचाई तक बना है त्रिशूल
  • 16 फीट ऊंचा है महादेव का जूड़ा
  • 18 फ़ीट की स्टील की गंगा
  • 60 फीट लंबा बना है महादेव का चेहरा
  • 275 फीट की ऊंचाई पर गर्दन
  • 260 फीट की ऊंचाई पर कंधा
  • 175 फीट की ऊंचाई पर महादेव का कमरबंद
  • 150 फीट है पंजे से घुटने तक की ऊंचाई
  • 65 फीट लंबा पंजा जहां लोग कर सकेंगे चरण वंदना
  • 280 फ़ीट ऊंचाई पर एक कान से दूसरे कान तक जाने के लिए ग्लास ब्रिज
  • प्रतिमा को स्टील रॉड के मॉड्यूल की सहायता से बनाया गया है.
  • स्टील से हर एक फीट पर सरिए की मदद से ढांचा तैयार कर इसमें कंकरीट भरी गई है.

प्रतिदिन एक लाख लोगों का भोजन प्रसाद:भोजनशाला की तैयारियों को देखते हुए समझा जा सकता है कि प्रतिदिन यहां लाख लोग भोजन प्रसाद लेंगे. सर्विस काउण्टर तक सामग्री पहुंचाने के लिये यहां ओवरहेड कन्वेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है जो कि अपने आप में अद्भूत हैं. आयोजन का हिस्सा बनने वाले लोगों ने ठहरने के लिए महीनों पहले होटल आदि की एडवांस बुकिंग करवा दी थी.

दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा
Last Updated : Oct 29, 2022, 5:41 PM IST

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