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गरीबी बनी गोल्ड मेडलिस्ट गीता की 'उड़ान' में बाधक, स्पीकर सीपी जोशी से लगाई मदद की गुहार

कहते हैं कि सपने उन्हीं के पूरे होते हैं जो हौसलों की उड़ान उड़ा करते हैं, लेकिन राजसमंद जिले की बेटी गीता के हौसलों पर अब आर्थिक तंगी भारी पड़ रही है. इसलिए उसे अब मदद की दरकार है, ताकि वह अपने सपनों को साकार कर सके.

gold medalist geeta needs help
राष्ट्रीय रेस वॉकिंग प्रतियोगिता में झटका था गोल्ड मेडल...

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Published : Mar 17, 2021, 8:32 AM IST

राजसमंद. रेलमगरा उपखंड के ग्राम काबरा की रहने वाली गोल्ड मेडलिस्ट गीता लोहार के परिवार की आर्थिक स्थिति अब उसके हौसलों के आड़े आ रही है. जिसके कारण गोल्ड मेडलिस्ट गीता का आगामी प्रतियोगिताओं के प्रशिक्षण हासिल करना संभव नहीं हो पा रहा है. गोल्ड मेडलिस्ट को आर्थिक मदद के बिना आगे जाना संभव नहीं हो पाएगा.

गोल्ड मेडलिस्ट गीता को मदद की दरकार

गोल्ड मेडलिस्ट की आर्थिक मदद को लेकर मंजरी फाउंडेशन एवं एकता ग्राम संगठन काबरा ने विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी के नाम प्रधान आदित्य प्रताप सिंह चौहान एवं उपखंड अधिकारी मनसुख राम डामोर को ज्ञापन सौंपा और गीता लोहार की हर संभव मदद दिलाने की मांग की. ज्ञापन में बताया कि काबरा गांव की बेटी गीता पुत्री हरि शंकर लोहार ने रांची झारखंड में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय रेस वॉक प्रतियोगिता के 20 वर्षीय आयु वर्ग में 10 किलोमीटर रेस को जीतकर गोल्ड मेडल हासिल किया.

पढ़ें :मनरेगा श्रमिक की बेटी ने लगाई जीत की दौड़, रांची में आयोजित आठवीं राष्ट्रीय रेस वॉकिंग प्रतियोगिता में झटका गोल्ड मेडल

इस बेटी के पिता खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किल से कर पा रहे हैं. वहीं, गीता की मां मनरेगा योजना में मजदूरी कर परिवार की आर्थिक मदद करने की भूमिका बखूबी निभा रही है. लेकिन अब गीता लोहार को आगामी प्रतियोगिता के प्रशिक्षण के लिए हरियाणा के रोहतक भेज पाना मुश्किल हो गया है. आर्थिक तंगी के कारण गीता के पिता ने उसे आगामी प्रतियोगिता के प्रशिक्षण में भेजने से इनकार कर दिया.

राष्ट्रीय रेस वॉकिंग प्रतियोगिता में झटका था गोल्ड मेडल...

इस बात की जानकारी जब मंजरी फाउंडेशन को मिली तो गीता की आर्थिक मदद करने के लिए आगे आई, साथ ही उपखंड अधिकारी मनसुख राम डामोर, प्रधान आदित्य प्रताप सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपकर मदद की मांग की. जिस पर प्रधान, एसडीएम ने गीता लोहार की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. वहीं, अगर कोई भामाशाह गीता की मदद के लिए हाथ बढ़ा दे, तो गीता के हौसले को फिर से नई उड़ान मिल पाएगी. ऐसे में यह बेटी अपने कदमों से देश के साथ ही दुनिया को भी माप सकेगी.

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