देवगढ़ (राजसमंद).जिले के देवगढ़ उपखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्ति स्थलों में शुमार सेंड माता मंदिर की महिमा का गुणगान आसपास सहित कई क्षेत्रों में आज भी किया जाता है. अरावली की तीसरे नंबर की चोटी पर बनाई गई मंदिर 100 किलोमीटर दूर से अपनी रमणीय स्थिति का आभास कराता है. लगभग 500 वर्ष पुराना है यह मंदिर आदिकाल से शक्ति स्वरूपा मां अंबे का यशोगान करता हुआ भक्तों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है.
यहां आने वाले हर भक्त की झोली कभी खाली नहीं रहती है, ऐसी मान्यता है यहां की. किंवदंतियों के अनुसार सेंड माता मंदिर का निर्माण आमेट ठिकाने के राव ने करवाया था. बताया जाता है कि आमेट ठिकाने के राव किसी समय इन जंगलों में भटक रहे थे. उन्हें रास्ते का ज्ञान नहीं रहा ऐसे में वहां एक ऊंटनी पर सवारी करके महिला प्रकट हुई उसने राव को सही रास्ते का ज्ञान कराया.
साथ ही बताया कि मेरा मंदिर किसी पहाड़ी पर बना दो ऐसा आदेश मिलने पर आमेट ठिकाने के राव की ओर से भेडियों की जन्मस्थली अरावली की इस मनोरम पहाड़ी पर एक मंदिर बनवाकर के मूर्ति स्थापित की गई. बता दें कि ऊटनी को क्षेत्रीय भाषा में सेंड कहा जाता है इसलिए सेंड माता नाम से जानी गई है. मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है और यह अरावली की तीसरी सबसे बड़ी चोटी पर बना हुआ है.