राजसमंद. मूसलाधार बारिश में किसानों के खेतों की क्या स्थिति है. इस बात की तह तक जाने के लिए हमने गांव के किसान ओंकार गुर्जर की मदद से ईटीवी ने गांव के सभी खेतों का दौरा किया. इस गांव में करीब 200 घर हैं. जिनमें सभी किसान रहते है.
मानसून की औसत से ज्यादा बारिश से खेतों का बुरा हाल वहीं किसान ओंकार गुर्जर के अनुसार इस बार की बारिश के कारण इस गांव में सभी खेतों में अभी पानी भरा हुआ है. जिससे लगभग फसलें खराब हो गई है. जिसको लेकर किसान बेहद चिंता में है. क्योंकि उनकी मेहनत अधिक होने के बावजूद भी बारिश अधिक होने के कारण और हमारी फसल लगभग खराब हो गई है. यहां के खेतों में मक्के की फसल में पानी भरा हुआ नजर आया. लगभग फसलें पानी में गली हुई दिखाई दी. लेकिन किसान खेत में पानी भरने के बावजूद भी अपनी फसलों को काटता हुए दिखाई दिए.
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किसान लुंबाराम ने बताया कि उन्होंने 4 बीघा जमीन में मक्के की फसल बोई थी. लेकिन इस बार की बारिश ने सब कुछ चौपट कर दिया. इस बार फसल बुवाई जुताई के लिए उन्होंने 22000 खर्च किए थे. वहीं उनका कहना है कि इस फसल से 10 पशुओं का चारा और अन्य काम किया जाता. लेकिन अधिक बारिश के कारण पूरी फसल खराब हो गई.
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ईटीवी से किसानों ने साझा किया अपना दु:ख
किसानों ने अपना दु:ख ईटीवी भारत से साझा करते हुए कहा कि उनकी कमाई का एकमात्र स्रोत खेती है. वे रात दिन लगकर इसका पालन-पोषण करते हैं. इसी के सहारे तो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार का गुजारा होता है. लेकिन इस बार फसल में नुकसान काफी हुआ है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वहीं इनके अलावा किसान सूरज बाई का कहना है कि उन्होंने 4 बीघा में मक्की की फसल बोई थी.लेकिन बारिश के कारण व फसल लगभग खराब होती हुई नजर आ रही है. जिससे उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.
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दूसरी तरफ खेतों में पानी भरे होने के बावजूद भी किसान बची-कुछी फसल को काटने में लगा हुआ है. किसानों की मांग है कि इस बार फसल में काफी नुकसान हुआ है. बारिश के कारण जिसको लेकर सरकार को भी हमारी मदद करनी चाहिए. अब देखना होगा कि देश का अन्नदाता की सरकार कितनी मदद करती है. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.