पाली. जिले के बाली के निकट सादड़ी के परशुराम महादेव पर शनिवार सुबह अचानक चट्टान खिसकने से एक श्रद्धालु घायल हो गया. जिस वक्त चट्टान गिर रही थी, उस वक्त वहां 15 से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे. इससे मौके पर हड़कंप मच गया. गनीमत रही चट्टान गिरते देख लोग सचेत हो गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया.
जानकारी के अनुसार, श्रद्धालु हनुमानगढ़ से सोमवार को अलग-अलग वाहनों में रवाना हुए थे. बाड़मेर, जैसलमेर, गुजरात होते हुए ये श्रद्धालु शनिवार सुबह कुंभलगढ़ पहुंचे और वहीं अपने वाहन रोककर पैदल रास्ते से फूटा देवल होकर परशुराम महादेव पहुंचे थे.
पाली के परशुराम मंदिर में गिरी चट्टान 15 से 20 टन वजनी थी चट्टान
श्रद्धालु गुफा मंदिर के दर्शन कर जैसे ही गुफा की कुछ सीढ़ियों से नीचे उतरकर फूटा देवल जाने वाली सकड़ी पगडंडी पर आए, तभी सुबह 10.30 बजे अचानक 15 से 20 टन वजनी भारी भरकम चट्टान गिर पड़ी. उसी वक्त सभी लोग तो संभल गए, लेकिन हनुमानगढ़ जिले के नारगदेसर निवासी 43 वर्षीय ओमप्रकाश पुत्र देवकरण घायल हो गया.
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चट्टान गिरने से कुण्डधाम पर अफरातफरी मच गई. इसी बीच परशुराम महादेव गुफा मंदिर ट्रस्ट ने घायल को कुंड धाम तक पहुंचाया, जहां सादडी की राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ.राजेंद्र पुनमिया पहुंच गए और प्राथमिक उपचार के बाद उसे सादडी ले आए.
डेढ़ घंटे की देरी से आई एंबुलेंस
घायल व्यक्ति के सिर और पैर फ्रैक्चर हो गए थे. उपचार के बाद गंभीर अवस्था में उसे जोधपुर रेफर किया गया. 108 एम्बुलेंस के विलम्ब से पहुंचने से डेढ़ घण्टे बाद घायल को रैफर किया जा सका. चट्टान गिरने के बाद परशुराम महादेव से फूटा देवल होकर कुम्भलगढ़ जाने वाला पगडंडी मार्ग अवरूद्ध हो गया है.
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पिछले मंगलवार को ही जिला कलेक्टर दिनेशचंद्र जैन ने दौरा कर पीडब्लूडी को एक बार एस्टीमेट भेजने के निर्देश दिए थे. प्रशासन को हर बार मेले के वक्त झूलती चट्टानों से खतरा सताता हैं और मेला गुजरते ही प्रशासन इसे खतरे को भूल जाता हैं. यहां 6 और 7 अगस्त को मेला आयोजित होगा. पूरे श्रावण और भाद्रपद मास में लाखों श्रद्धालु यहां दर्शनार्थ पहुंचेंगे.
अभी भी लटक रही कई चट्टानें
पाली के सादड़ी के निकट अरावली पर्वतमाला में स्थित प्रदेश का प्रमुख तीर्थ परशुराम महादेव पर भारी भरकम चट्टानें अधर में लटक रही हैं. चौपड़ा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार, पाली राजसमंद जिला प्रशासन को परशुराम महादेव में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे. गुफा के समीप प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा परशुराम के दर्शनार्थ कतारबद्ध खड़े रहते हैं. वहीं, ठीक उनके उपर अधर में लटकती और हवा में झूलती चट्टानों से यहां कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं.
7 साल पहले चौपड़ा आयोग ने दी थी हिदायत
मेहरानगढ़ हादसे की प्रदेश में पुनरावृति नहीं हो इसके लिए राजस्थान सरकार ने चौपड़ा आयोग का गठन किया था. मेहरानगढ जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश जसराज चौपड़ा ने 27 जुलाई 2009 को अपने आयोग के सदस्यों के साथ परशुराम महादेव तीर्थ पर पहुंच अवलोकन किया था. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि परशुराम महादेव तीर्थ पर पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालु सुरक्षित नहीं है. चौपड़ा कमेटी ने अपनी यह महत्वपूर्ण 16 पेज की रिपोर्ट 7 साल पहले राज्य सरकार को सौंपकर समाधान की सख्त हिदायत दी थी, लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई.
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परशुराम महादेव में लटकती चट्टानों को सीमेंट से जाम करवाने, अधूरे पड़े सीसी रोड मय सुरक्षा दीवार के लिए एस्टीमेट बनाकर पाली जिला प्रशासन करीब 8 बार राज्य सरकार को भेज चुका है, लेकिन आज तक बजट आवंटित नहीं हो पाया.