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विवेकपूर्ण करना होगा पानी का उपयोग : गजेन्द्र सिंह शेखावत

पाली शहर में लघु उद्योग भारती की ओर से रविवार को उद्यमी सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश कई मामलों में सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन पानी जैसी समस्या पर ध्यान देना होगा.

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Published : Jul 7, 2019, 5:39 PM IST

उद्यमी सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री शेखावत और कैलाश चौधरी

पाली. शहर में लघु उद्योग भारती की ओर से रविवार को उद्यमी सम्मेलन का आयोजन किया गया. जहां राजस्थान के कई जिलों से उद्यमियों का आगमन हुआ. वहीं कार्यक्रम में पधारे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने और कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया.

शेखावत ने कहा कि हमारा भारत सोने की चिड़िया कहलाता था. उत्पादन के मामले में देश का किसान सबसे आगे था लेकिन 40 दशक पहले तक ऐसे विकट परिस्थितियां आ गई कि हमें हमारे ही लोगों का पेट भरने के लिए दूसरे देशों का सहारा लेना पड़ा. वहां से अनाज मंगवाकर कर यहां लोगों को खिलाना पड़ा.

इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री ने खाद्य संकट को देखते हुए यह भी कहा कि हर इंसान को सप्ताह में 1 दिन व्रत रखना चाहिए. जिससे एक व्यक्ति का पेट भरा जा सके. अब परिस्थितियां बदली है और देश का किसान विकासशील हुआ है. उन सभी उत्पादन को किसान अब उत्पादित करने लगा है जो आज तक उसके खेतों में नहीं हुए.

उद्यमी सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री शेखावत और कैलाश चौधरी

ऐसे में अन्नदाता के विकासशील होने से देश का भी विकास हुआ है. यह बात केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को पाली में आयोजित उद्यमी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कहीं. शेखावत ने अपने उद्बोधन में जल समस्या को लेकर भी विचार रखे उन्होंने कहा कि पाली में लगातार उद्यमियों द्वारा रंगीन पानी को अनट्रीट किए हुए ही नदी में छोड़ा जा रहा है. जिससे किसानों की जमीनें बंजर हुई है.

उन्होंने कहा कपड़ा उद्योग देश के विकास के लिए आवश्यक है लेकिन किसानों की जमीनों को बंजर कर नहीं किया जा सकता क्योंकि अन्नदाता ही देश के विकास की आधारशिला है. कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने भी शिरकत की. उन्होंने किसानों को आगे बढ़ाने के लिए देश में सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे हैं कई आयामों के बारे में बताया.

उन्होंने बताया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा बाजरे का उत्पादन होता है. उसी बाजरे को अलग-अलग तरह से फूड प्रोसेसर लघु उद्योगों की स्थापना की जा सकती है. जिससे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा और किसानों का भी विकास होगा. इसके साथी ही उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों को उनके मेहनत के बराबर मूल्य मिल सके इसके लिए भी सरकार पूरा प्रयास करेगी.

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