पाली. लोगों की सेहत में इजाफा करने और पौष्टिक भोजन की संख्या बढ़ाने के लिए पाली में पहली बार केवीके द्वारा उत्पादित किया गया बैंगनी, काले व हरे रंग का गेहूं केवीके ने अस्वीकार कर दिया है. हाल ही में केवीके द्वारा प्रशिक्षण के तौर पर अपने खेतों में उपजाए इन तीनों रंगों के गेहूं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया. लेकिन इसमें गुणवत्ता काफी कम पाई गई. जिसके चलते केवीके ने सभी किसानों को इन तीनों ही गई गेहूं को अपने खेतों में जाने से मना कर दिया है.
केवीके के विशेषज्ञों का कहना है कि इन तीनों ही रंग के गेहूं में वह गुणवत्ता नहीं है, जो पुराने समय में हमारे बुजुर्गों द्वारा उत्पादित की गई थी. इसलिए यह तीनों ही रंग के गेहूं लोगों की सेहत के लिए सही नहीं है. केवीके के विशेषज्ञों ने बताया कि हाल ही में केवीके में उगाए गए इन तीनों ही रंग के गेहूं के दानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली को भिजवाया गया, लेकिन इन दोनों के परीक्षण के बाद इन्हें सिरे से नकार दिया गया है.