पाली. जिले में सोमवार को श्रमिक नेता की न्यायिक हिरासत में मौत का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि न्यायिक हिरासत के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी थी, जिसके चलते उसे बांगड़ अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई.
श्रमिक नेता की संदिग्ध मौत को देखते हुए चिकित्सा विभाग की ओर से उसके सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए हैं. साथ ही उसके शव को बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. श्रमिक नेता की मौत के बाद बांगड़ अस्पताल के आसपास पुलिस ने भारी मात्रा में जाब्ता तैनात किया है. साथ ही महाराजा उम्मेद मिल के बाहर भी जाब्ता तैनात किया गया है.
न्यायिक हिरासत में श्रमिक नेता की मौत बताया जा रहा है कि महाराजा उम्मेद मिल में 13 मई को वेतन की मांग को लेकर श्रमिकों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया था. उसके बाद श्रमिक नेता रामनाथ सिंह को हिरासत में लेकर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था.
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यह है पूरा मामलाः
बता दें कि देश में लॉकडाउन के चलते पाली की सबसे बड़ी कपड़ा इकाई महाराजा उम्मेद मिल में भी कार्य पूरी तरह से ठप था. इस दौरान कई प्रवासी श्रमिकों को मिल प्रबंधन की ओर से मिल में ही रोक कर रखा गया था और उन्हें मासिक सैलरी के रूप में 2600 रुपए मिल प्रबंधन द्वारा उनके खाते में जमा करवाए थे. इसके चलते उन्होंने 13 मई को मिल परिसर में अपना विरोध जताना शुरू किया.
इस दौरान पुलिस जाप्ता भी वहां पहुंचा, लेकिन पुलिस को देख उनका आक्रोश और बढ़ गया और श्रमिकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. पुलिस पर पथराव होने के बाद भारी मात्रा में पहुंचे पुलिस जाब्ते ने बल प्रयोग करते हुए वहां से करीब 135 श्रमिकों को हिरासत में लिया था. वहीं श्रमिकों को भड़काने के आरोप में श्रमिक नेता रामनाथ सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस मामले में 22 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था, जिसमें श्रमिक नेता रामनाथ सिंह भी शामिल थे. सोमवार को जेल में उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे बांगड़ अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस ने एहतियात के तौर पर महाराजा उम्मेद मिल और बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी परिसर के आसपास भारी संख्या में जाब्ता लगाया है.