कोटा में सक्सेस सेलिब्रेशन कोटा.मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रहे विद्यार्थी जिनका चयन हो चुका है. उनके लिए कोटा के दशहरा मैदान में रविवार को भव्य विक्ट्री सेलिब्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान की ओर से किया गया था. इसमें देश भर के मेडिकल व इंजीनियरिंग संस्थानों में पढ़ रहे उन विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था, जिनका चयन साल 2023 में हुआ था. वहीं, इस आयोजन को विक्ट्री कार्निवल सर्कस नाम दिया गया. साथ ही इस कार्निवल में शामिल हुए विद्यार्थियों को करोड़ों रुपए के पुरस्कार दिए गए. बताया गया कि इस कार्निवल में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में विद्यार्थी कोटा पहुंचे थे.
विद्यार्थियों ने किया जमकर मनोरंजन :हालांकि, इनमें कुछ ऐसे भी विद्यार्थी शामिल थे, जिन्होंने अभाव में रहते हुए पढ़ाई की और सेलेक्ट होकर टॉपर बने. निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने बताया कि इन विद्यार्थियों के लिए आयोजित कार्निवल में सर्कस से लेकर डांस और गेम्स तक व्यवस्था की गई थी, जहां विद्यार्थियों ने जमकर मनोरंजन किया. उन्होंने आगे बताया कि ये विद्यार्थी राजस्थान से ही नहीं, बल्कि देश के हर राज्य व बड़े शहरों के साथ-साथ कई विदेशी शहरों से भी आए थे.
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चरवाहे परिवार की दो बहनों का हुआ चयन : चरवाहे परिवार की दो चचेरी बहन करीना और ऋतु यादव का सिलेक्शन नीट में कोटा कोचिंग संस्थान के जरिए हुआ है. ये जयपुर के जावारामगढ़ तहसील के नागल तुलसीदास गांव की रहने वाली हैं. इनकी पढ़ाई में कोटा के कोचिंग संस्थान ने मदद की थी. ऋतु के पिता हनुमान सहाय और करीना के पिता नन्छू राम बकरी चराने का काम करते हैं. वहीं, वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही करीना यादव ने कहा कि उनके ये सेलिब्रेशन बेहद खास रहा. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. इधर, चचेरी बहन ऋतु यादव जेएलएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही है. ऋतु ने कहा कि वो गायनेकोलॉजिस्ट बनना चाहती है, जबकि करीना ने अभी तय नहीं किया है, वो किस में पीजी करेगी.
बचपन में हुआ बाल विवाह, परीक्षा के पहले हुई बेटी, अब पढ़ रहे डॉक्टरी :चित्तौड़गढ़ जिले के घोसुंडा निवासी स्टूडेंट रामलाल भील अब नीट यूजी क्लियर कर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. इनकी कहानी अन्य स्टूडेंट से बिल्कुल अलग है. रामलाल का 11 साल की उम्र में बाल विवाह हो गया था. परिजनों ने उन्हें आगे पढ़ाई के लिए नहीं भेजा. हालांकि, उनके पिता ने परिजनों को समझाया, तब कहीं जाकर वो आगे पढ़ाने के लिए तैयार हुए. इसके बाद उन्होंने कर्जा लिया और आखिरकार पढ़ाई के लिए मां के जेवर तक बेचने पड़ गए. रामलाल ने कोटा के एलन कोचिंग से मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी की, जिसमें उन्हें सफलता मिली. इसके उन्होंने नीट यूजी की परीक्षा 632 अंक से पास किया.