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रामगंजमंडी विधायक ने ताकली बांध परियोजना में किसानों के मुआवजे को लेकर मुख्य सचिव से की मुलाकात

कोटा के रामगंजमंडी में 14 फरवरी को रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर रविवार को मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य के आवास पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र की महती मध्यम सिंचाई परियोजना ताकली बांध का किसानों का रुका हुआ मुआवजा राशि को मंत्रिमंडल से अनुमोदन करवा कर शीघ्र दिलवाए जाने के लिए निवेदन किया है.

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रामगंजमंडी विधायक ने की मुख्य सचिव से मुलाकात

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Published : Feb 14, 2021, 5:47 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). शहर के रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर 14 फरवरी को जयपुर में राजस्थान के मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य के आवास पर पहुंच कर रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र की महती मध्यम सिंचाई परियोजना ताकली बांध का किसानों का रुका हुआ मुआवजा राशि को मंत्रिमंडल से अनुमोदन करवा कर शीघ्र दिलवाए जाने के लिए निवेदन किया है.

साथ ही क्षेत्र की टूटी हुई सड़कों के निर्माण करवाए जाने के लिए भी निवेदन किया. जिसमें प्रमुख रूप से चेचट से आलोद चेचट से खेड़ा रुद्रा अमझार से चेचट और रामगंज मंडी से सुकेत तक डिवाइडर युक्त सीमेंट कंक्रीट सड़क के निर्माण करवाए जाने का भी निवेदन किया मुख्य सचिव महोदय ने प्राथमिकता से उक्त मामलों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया दिलावर ने मुख्य सचिव का आभार व्यक्त किया.

बता दें कि इस मध्यम सिचाई परियोजना से 40 गांव के किसानों को मिलेगा पानी. इस परियोजना में क्षेत्र के लगभग 40 गांव के किसानों की कृषि जमीन को पानी मिलने वाला है, लेकिन यह परियोजना शुरू हो तब की बात है. बता दें कि ताकली बांध परियोजना में दो नहरे निकलने वाली थी. जो रामगंजमंडी क्षेत्र के 40 गांवों की कृषि भूमि को सिंचित करती. लेकिन सरकारों का आना जाना रहा पर यह परियोजना कुछ परिवार के मुआवजे का नासूर बनकर उभरा है.

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वहीं रामगंजमंडी के जानकारों का कहना है कि इस परियोजना को शुरू करवाने के लिये किसानों का अथक प्रयास रहा, लेकिन दोनों पार्टी की सरकारों ने किसानों की बात को नहीं सुना. 52 करोड़ की परियोजना 250 करोड़ के ऊपर तक पहुंची. वहीं, ये परियोजना जब शुरू हुई तब इसकी लागत लगभग 52 करोड़ रुपये थी, लेकिन गांव के पुनर्वास नहीं होने से यही परियोजना कुछ सालों बाद 250 करोड़ के लगभग पहुंच गई. लेकिन फिर भी यह परियोजना लटकी हुई है.

किसानों ने इस परियोजना को शुरू करवाने और उचित मुवावजे के लिए कई आंदोलन, धरने प्रदर्शन किए लेकिन आज तक किसी राजनेताओं के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची. इस परियोजना में क्षेत्र के लगभग 40 गांव के किसानों की कृषि जमीन को पानी मिलने वाला है, लेकिन ये परियोजना शुरू हो तब की बात है.

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