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कनवास एसडीएम ने ग्रामीणों को खेत में जाने के लिए रास्ता दिलवाया

कनवास एसडीएम ने आपसी समझाइश से 10 वर्षो से रास्ते के लिए भटक रहे ग्रामीणों को खेत में जाने के लिए रास्ता दिलवाया है. इसके लिए ग्रमीणों ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया था.

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कनवास एसडीएम ने ग्रामीणों को खेत में जाने के लिए रास्ता दिलवाया

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Published : Apr 17, 2021, 10:52 PM IST

कनवास (कोटा).क्षेत्र के ग्राम पीसाहेड़ा के ग्रामीणों द्वारा कनवास एसडीएम राजेश डागा को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर अवगत कराया था कि पिछले 10 वर्षों से कई काश्तकारों को अपने खेत में जाने के लिए रास्ता नहीं मिल रहा है और अपने खेत तक जाने के लिए कोई नियमित रास्ता भी नहीं है. कारणवस फसल की हंकाई-जुताई समय पर नहीं हो पाती है, जिससे हमें काफी परेशानियों का सामना करना पडता है. एसडीएम राजेश डागा ने प्रार्थना-पत्र को गम्भीरतापूर्वक लेते हुए प्रार्थना-पत्र की कार्रवाई राजस्व ऐजेन्सी से करवाई गई है.

पिसाहेड़ा सरपंच मोतीलाल मीना के साथ किसान मुरलि मनोहर, दीनदयाल, परमानंद, बनवारीलाल, बृजराज, द्वारकीलाल, रामस्वरूप, रामलाल, श्यामबिहारी, हसंराज मीना आदि कनवास उपखण्ड कार्यालय में उपस्थित हुए, जहां कनवास एसडीएम राजेश डागा एवं सरपंच मोतीलाल मीना ने सभी उपस्थित किसानो से रास्ता चाहने वाले सभी खातेदारों को अपनी खाते की भूमि से 5-5 फीट भूमि रास्ते के लिए देगा और ऐसे ही आगे आने वाला खातेदार भी 5-5 फीट भूमि रास्ते के लिए देगा और रास्ता आगे तक सुचारू करने के लिए समझाइश की गई.

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सभी खातेदारों ने इस समझाइश से उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा के सामने सहमति जाहिर की और रास्ता देने के लिए कोई आपत्ति जाहिर नहीं की. इससे सभी काश्तकारों को अपने खेत तक जाने के लिए नियमित रास्ता मिल गया. कनवास एसडीएम राजेश डागा की समझाइश की सभी काश्तकारों ने सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया. कनवास उपखण्ड में अब तक 37 विवादित रास्तों का निस्तारण पक्षकारों आपसी सहमति से कराया जा चुका है.

बाल विवाह रोकथाम के लिए निर्देश

कनवास उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने बताया की भारत वर्ष में आज भी ऐसी कुप्रथाएं प्रचलित है, जिनका समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है. बाल विवाह ऐसी ही एक कुप्रथा है, जो सदियों से चली आ रही है. बाल विवाह का दंश लड़का, लड़की और परिवार वाले सभी झेलते हैं. यह एक सामाजिक बुराई है. इसका मुख्य कारण शिक्षा का अभाव, रूढ़िवादिता का होना, अन्धविश्वास और आर्थिक स्थिति कमजोर होना है, जिसका निवारण वर्तमान की आवश्यकता है.

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