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कोटा के कोचिंग संस्थान ने JEE टॉपर्स को बांटे करोड़ रुपए, इसमें एक मनरेगा मजदूर का बेटा भी - jee main

कोटा में एक मनरेगा मजदूर के बेटे लेखराज को रिवार्ड राशि दी गई है. लेखराज ने जेईई मेंस की कैटेगरी रैंक में 10740 वां स्थान प्राप्त किया है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं.

माता पिता के साथ जेईई छात्र लेखराज

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Published : Jun 22, 2019, 8:46 PM IST

कोटा.शहर में एक निजी कोचिंग संस्थान की ओर से JEE परीक्षा के टॉपर्स का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस विक्ट्री सेलिब्रेशन में कोचिंग संस्थान की ओर से 126 टॉपर बच्चों को एक करोड़ रुपए की रीवार्ड राशि चेक के रूप में उन्हें दी गई है.

कोटा के कोचिंग संस्थान ने JEE परीक्षा के टॉपर्स को पुरस्कार में दिए करोडृ रुपए

इस समारोह में झालावाड़ जिले के मनोहर थाना में पिण्डोला पंचायत के मोग्याबेह भीलान गांव निवासी लेखराज भील को भी सम्मानित किया गया. लेखराज के पिता मांगीलाल नरेगा मजदूर है और उसकी मां निरक्षर है, लेकिन उनका बेटा इंजीनियरिंग पढ़ेगा. इस विक्ट्री सेलिब्रेशन में कोचिंग संस्थान ने निशुल्क पढ़ें बच्चों को भी सम्मानित किया. इसमें नरेगा मजदूर पिता मांगीलाल के बेटे लेखराज भील को भी सम्मानित किया गया. लेखराज ने जेईई मेंस में कैटेगरी रैंक में 10740 प्राप्त की है. उन्होंने कहा है कि वे एनआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं.

लेखराज ने बताया कि वे अपने गांव से पिंडोला पढ़ने जाता थे. दसवीं में अच्छे परसेंटेज आए थे, लेकिन आगे घर वालों के पास पढ़ाने के लिए पैसा नहीं था. ऐसे में स्कूल के टीचरों नहीं कोटा के कोचिंग संस्थान में उसका संपर्क करवाया और उसे यहां पर निशुल्क प्रवेश के लिए एडमिशन कराया. उसी की बदौलत आज वह अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लायक बना है.

बता दें कि लेखराज के पिता मांगीलाल नरेगा में मजदूर हैं. घर घर की आर्थित स्थिति ठीक नहीं है. पिता की मजदूरी के पैसों से ही परिवार का भरण पोषण चल रहा है. आय का कोई और जरिया नहीं है. लेखराज के पिता यह भी नहीं जानते कि इंजीनियरिंग क्या होती है, लेकिन उनका बेटा अब अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग करेगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लेखराज के पिता भावुक हो गए. वहीं उनकी मां सरदारी बाई निरक्षर हैं और वह गांव में ही अपने घर में रहती है. उनका कहना है कि वह आज कोटा आने के लिए पहली बार बस में बैठी है.

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