कोटा.देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई एडवांस्ड 2023) की परीक्षा 4 जून को होने वाली है. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस परीक्षा के जरिए देशभर के 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) की 16000 से ज्यादा सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा. इसमें आवेदन करने वाले विद्यार्थी जेईई मेन से क्वालीफाई होते हैं, लेकिन ये परीक्षा पूरी तरह से जेईई मेन से अलग है. यही वजह है कि इसे विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में भी शामिल किया गया है. साथ ही अब तक इसमें शामिल कोई भी विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर नहीं कर सका है. जबकि जेईई मेन में बीते कई सालों से विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर का रिकॉर्ड बना चुके हैं.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि जॉइंट एंट्रेंस मेन में विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर भी कई बार कर चुके हैं, जबकि एडवांस्ड की परीक्षा में ये अभी तक भी संभव नहीं हुआ है. जेईई एडवांस्ड एग्जाम में अधिकांश समय टॉपर स्टूडेंट के अंक 85 से लेकर 95 फीसदी तक आए हैं. इसमें 2021 में ही 97 फीसदी अंक विद्यार्थी के आए थे. यह अब तक का सबसे हाईएस्ट स्कोर है. इस परीक्षा के कठिन होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा में 30 से 40 फ़ीसदी विद्यार्थियों के 20 फीसदी अंक भी नहीं आ पाते हैं.
पेपर पेटर्न व मार्किंग का पता नहीं -कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि ये पूरी तरह से ब्लाइंड गेम जैसी परीक्षा है. इसमें विद्यार्थियों को परीक्षा के पहले किसी तरह का कोई पेपर पेटर्न की जानकारी नहीं होती है. साथ ही मार्किंग स्कीम के बारे में भी कुछ भी जानकारी नहीं है. पेपर पेटर्न को हर साल बदल दिया जाता है. इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न भी काफी कठिन होते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि जिन विद्यार्थियों के कंटेंट सॉलिड होते हैं. वहीं इस परीक्षा के जरिए सफल होकर आईआईटी में पहुंचते हैं. मल्टी कांसेप्चुअल प्रश्न पूछे जाते हैं, यानी कि सीधे सवाल नहीं पूछे जाते हैं. इन को सॉल्व करने के लिए एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज की जरूरत होती है.
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जेईई मेन में सब कुछ फिक्स, प्रश्न भी होते हैं रिपीट - जेईई मेन परीक्षा में सिलेबस में बदलाव नहीं होता है. जेईई मेन का एक्जाम एनसीआरटी बेस्ड है. जेईई मेन और एडवांस्ड के सिलेबस में कुछ थोड़ा सा ही अंतर है. एडवांस में कुछ भी फिक्स नहीं है, जबकि जेईई मेन परीक्षा में मार्किंग पेटर्न प्रश्नों की संख्या प्रश्न पूछने का तरीका भी एक ही रहता है. यहां पर प्रश्न रिपीट भी कुछ परीक्षाओं में होते रहते हैं. यहां पर प्रश्नों की संख्या भी फिक्स और ज्यादा रहती है. यहां 90 प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं, छह परीक्षा केवल एक पारी में ही आयोजित होती है.