कोटा.राज्य सरकार ने प्रदेश में खरीफ की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत 27 अक्टूबर से किसान ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे. इसके बाद 1 नवंबर से सोयाबीन, उड़द व मूंग की खरीद शुरू होगी. वहीं, मूंगफली की खरीद 18 नवंबर से शुरू होगी. हालांकि, हाड़ौती में उत्पादित होने वाली दो प्रमुख फसलें उड़द और सोयाबीन की खरीद भी एमएसपी पर होने वाली है.
किसानों को मंडी में एमएसपी से ज्यादा भाव मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों के एमएसपी पर खरीद केंद्रों पर (Online registration for selling crops at MSP) जाकर फसल बेचने पर ही संशय बना हुआ है. किसान इसके लिए इक्के दुक्के ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर यह संख्या कुछ सैकड़ों में ही रहेगी. केंद्र सरकार ने इस बार सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 4300 और उड़द के लिए 6600 रुपए घोषित किया है. जबकि बीते साल उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 व सोयाबीन का 3950 था. ऐसे में उड़द में बीते साल से 300 रुपए एमएसपी बढ़ाई गई है, जबकि सोयाबीन पर यह 350 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.
इसलिए है खरीद पर संशय :वर्तमान में भामाशाह कृषि उपज मंडी में डाक बंद है और किसानों की माल की तुलाई नहीं हो रही है. मंडी में 29 अक्टूबर को पूजा अर्चना के साथ विधिवत शुरुआत दिवाली के बाद की जाएगी, लेकिन सोयाबीन और उड़द मंडी में आना शुरू हो गया था. 15 से लेकर 21 अक्टूबर तक प्रतिदिन करीब 30,000 क्विंटल सोयाबीन और 700 क्विंटल उड़द आया था. इसमें उड़द का औसत भाव ही 6700 रुपए क्विंटल के आसपास है, जबकि सोयाबीन के औसत 4850 क्विंटल किसानों को मिल रहे हैं. बीते साल की तरह इस बार भी विभाग तैयारियां तो कर रहा है, लेकिन किसानों को जब मंडी में ज्यादा माल दाम मिलेगा तो वह समर्थन मूल्य पर बेचेंगे या नहीं इस पर संशय बना हुआ है.