कोटा. ब्लैक फंगस (black fungus) इंफेक्शन के चलते मरीजों की जान पर बन आई है. यहां तक की कोटा के एमबीएस में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे चौंकाने वाली बात है कि अब तक ब्लैक फंगल से पीड़ित 30 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है.
नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि एमबीएस अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में करीब 25 से 30 मरीज ऐसे हैं, जिनकी आंखों की रोशनी पर असर आया है. इसमें 19 मरीज ऐसे हैं, जिनकी एक आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई है. वहीं सात से आठ मरीज ऐसे हैं, जिनकी एक आंख की रोशनी का विजन कुछ हद तक चला गया है. अब यह विजन वापस आना मुश्किल है. यहां तक कि उन्होंने बताया कि कुछ मरीजों के तो ब्लैक फंगल संक्रमण के चलते आंख निकालने की भी नौबत आ गई है. ऐसे कुछ मरीज के ऑपरेशन कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल में ही प्लान किए जा रहे हैं. हालांकि, कुछ मरीजों को उनके परिजनों को लेकर जयपुर चले गए हैं.
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डॉ. अशोक मीणा ने बताया जिन मरीजों का विजन सदैव के लिए चला गया है, उनकी रोशनी वापस नहीं आती, अब केवल इतना सा है कि ब्लैक फंगल इन्फेक्शन आगे नहीं बढ़े, इसका ध्यान रखा जा रहा है. इसीलिए उनका इलाज अस्पताल में भर्ती रखकर किया जा रहा है.
आंख के पीछे के हिस्से से बाहर आ जाता है फंगल इंफेक्शन
आई डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मीणा का कहना है कि ब्लैक फंगल इनफेक्शन जानलेवा संक्रमण है, ये लगातार आंख के आसपास ही बढ़ता ही रहता है. आंख और इसके आसपास की भीतरी स्किन और हड्डियों को खत्म कर देता है. साथ ही ब्रेन तक भी पहुंच जाता हैं. आंख के पीछे के हिस्से में पहुंचने के बाद यह नसों में ब्लड की सप्लाई को रोक देता है और उन्हें फंगल बना देता है. इसके अलावा आंख के सहारे बाहर भी यह इंफेक्शन पहुंच जाता है. ऑपरेशन के दौरान भी इस पूरे गली हुई भीतरी स्किन को निकाला जाता है.