कोटा. कोरोना वायरस का संक्रमण कितना फैल चुका है, इसका पता लगाने के लिए टेस्टिंग ही एक विकल्प है. लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन नमूने ही नहीं ले पा रहा है. पहले से नमूने लेने की गति तो बड़ी है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते अब यह बढ़ नहीं पा रही है.
हालांकि 2 दिन पहले ही प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मीटिंग लेते हुए कहा था कि 900 जांच रोजाना किए जाएं. इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तैयार भी है. लेकिन संसाधनों की कमी के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इतने नमूने नहीं ले पा रहा है. विभाग के पास वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम, आरएनए एक्सट्रैक्शन और टेस्टिंग किट भी पर्याप्त नहीं है. इसके चलते टेस्टिंग भी नहीं हो पा रही है.
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पहले 350 और अब संख्या 550 पहुंची
कोटा में अब तक करीब 8 से 9 हजार नमूनों की जांच हुई हैं. इनमें से 233 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिला प्रशासन ने नमूने लेने की जिम्मेदारी कोटा मेडिकल कॉलेज को सौंपी हुई थी. हालांकि अब यह जिम्मेदारी बदलते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है.
लेकिन पहले भी नमूने कम ही लिए जा रहे थे. पहले 150 से 300 नमूने तक रोज लिए जा रहे थे. वहीं, अब दो दिनों से इसमें थोड़ी बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन संख्या अभी भी टारगेट के आस पास नहीं पहुंची है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि उन्हें 1 हजार टेस्ट रोजाना करवाने हैं. लेकिन इसके लिए संसाधन पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि हम संसाधनों के लिए आरएमएससीएल पर निर्भर है.