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Special : चंबल के बांधों से छूट रहा 2.5 लाख क्यूसेक पानी, धौलपुर तक खतरा - कोटा बैराज से शुरू हुई पानी की निकासी

राणा प्रताप सागर बांध का लेवल 1155 फीट के आसपास पहुंच गया है. ऐसे में अब 1156 के गेज को मेंटेन करते हुए पानी की निकासी शुरू की गई है. सोमवार दोपहर एक लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई. यह बढ़ाकर 2.5 लाख क्यूसेक की गई है, साथ ही लगातार पानी की आवक को देखते हुए आगे इसे बढ़ाया भी जा सकता है.

Dams in Rajasthan filled with water
Dams in Rajasthan filled with water

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 8:15 PM IST

जल संसाधन विभाग के एक्सईएन भारतरत्न गौड़

कोटा.मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है. इससे मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित चंबल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में पानी की आवक हो रही है. जल संसाधन विभाग के एक्सईएन अभियंता भारतरत्न गौड़ का कहना है कि इसी के चलते अब राणा प्रताप सागर बांध का लेवल भी 1155 के आसपास पहुंच गया है. ऐसे में अब 1156 फीट के गेज को मेंटेन करते हुए पानी की निकासी शुरू की है.

वहीं, सोमवार दोपहर के दौरान एक लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई, जिसे शाम 7 बजे बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया गया. लगातार पानी की आवक को देखते हुए आगे बढ़ाया भी जा सकता है. इसके बाद चंबल नदी पर बूंदी जिले में जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज है. ये दोनों बैलेंसिंग रिजर्व वायर है. ऐसे में इनमें जितना पानी पीछे से आएगा, उतना ही पानी यहां से छोड़ जाएगा. इसी के चलते जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज से भी 2.5 लाख क्यूसेक की निकासी शुरू कर दी गई है. चंबल हेरिटेज रिवरफ्रंट बनने के बाद पहली बार इतनी भारी मात्रा में पानी की निकासी की जा रही है. ऐसे में रिवर फ्रंट के भी कई एरिया में पानी प्रवेश कर सकता है.

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आरपीएस डैम से पहली बार स्काडा सिस्टम से छोड़ा गया पानी : सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि पहली बार आरपीएस डैम को सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन सिस्टम के जरिए ऑपरेट किया गया है. हाल ही में यहां पर स्काडा सिस्टम लगाया गया था. चंबल के चारों डैम से पानी छोड़े जाने के बाद कोटा की निचली बस्तियों में पानी भरने की समस्या एक बार फिर होगी. प्रशासन में पूरे इलाकों में मुनादी करा दी है. कुछ लोगों को ऊपरी हिस्से में भी शिफ्ट किया जा सकता है. कोटा जिला प्रशासन ने नगर निगम के गोताखोरों से लेकर पूरे महकमे को अलर्ट मोड पर रखा है. दूसरी तरफ कोटा से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर होगी, क्योंकि इसी में मिलने वाली सहायक नदी काली सिंध में भी भारी पानी की आवक हो रही है. कोटा जिले की सीमा में ही काली सिंध नदी चंबल में मिलती है.

बांधों की वर्तमान स्थिति

दो दिन में भरा आरपीएस व जीएस डैम : आरपीएस डैम के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी का कहना है कि दो दिन में ही गांधी सागर बांध में 10 फीट पानी आ गया है. दो दिन पहले इसमें 75 फीसदी पानी था. यह अब 95 फीसदी भर गया है. अभी भी लगातार पानी की आवक जारी है. करीब 3 लाख क्यूसेक पानी बांध में आ रहा है. इसी के चलते 2.8 लाख की उसे पानी छोड़ा जा रहा है. वर्तमान में गांधी सागर डैम का गेज 1310.01 हो गया फीट हो गया है और उसमें पानी करीब 6817.10 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद है. इसी तरह से राणा प्रताप सागर बांध में भी 1152.50 फिट का लेवल हो गया है. इसमें 2602.64 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है. यह वर्तमान में 90 फीसदी भर गया है. जबकि कल सुबह यह 75 फीसदी ही भरा हुआ था.

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डैम में पानी भरने से खिले नहरी किसानों के चेहरे : चंबल नदी के जरिए कोटा संभाग के बारां, बूंदी और कोटा जिले में किसानों को नहर से सिंचाई का पानी मिलता है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश के भी बड़े हिस्से में चंबल नदी की नहर से सिंचाई होती है, जिसके चलते लाखों हेक्टेयर की खेती की जाती है. इस बार खरीफ के सीजन यानी बारिश के मौसम में भी पानी की कमी देखी गई थी, जिसके चलते किसानों को नहर के जरिए 20 साल बाद पानी दिया गया था. वहीं, डैम भी नहीं भरने का खतरा बना हुआ था. इसके चलते रबी सीजन यानी शीतकाल में बोई जाने वाली फसल को भी नुकसान देखा जा रहा था, लेकिन अब चंबल नदी के दोनों बड़े डैम में पर्याप्त पानी आ गया है. ऐसे में नहरी किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं.

Last Updated : Sep 18, 2023, 8:15 PM IST

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