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करौली के गांव बने टापू, टूटा सम्पर्क, मंत्री रमेश मीणा ने अधिकारियों को दिए निर्देश - चंबल नदी खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर

कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से करौली जिले के मंडरायल उपखंड से गुजर रही चंबल नदी खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर बह रही है. जिससे दो दर्जन गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. गुरुवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक ली और अधिकारियों को मौके पर पहुंच कर वास्तविक स्थिति पर नजर रखने के सख्त निर्देश दिए हैं.

Few Karauli villages becomes Island due to overflowed Chambal river, minister chaired meeting for rescue
कारौली के गांव बने टापू, टूटा सम्पर्क, मंत्री रमेश मीणा ने अधिकारियों को दिए निर्देश

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Published : Aug 25, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 12:15 AM IST

करौली. कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से करौली जिले के मंडरायल उपखंड से होकर गुजर रही चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से मंडरायल और करणपुर क्षेत्र के गांव टापू बन गए (Karauli villages becomes island) हैं. लोगों का आपस में संपर्क टूट गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंच कर वास्तविक स्थिति पर नजर रखने के सख्त निर्देश दिए हैं.

साथ ही प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राशन सहित हर प्रकार से मदद करने के लिए निर्देश दिए (Ramesh Meena directs officials) हैं. मंत्री रमेश मीणा ने आपदा प्रबंधन की बैठक लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हालात खराब है. किसी भी प्रकार की जनहानि ना हो और लोगों के पास हर प्रकार की मदद पहुंचे, इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम सहित किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत है, तो सरकार से अधिकारी मांग करें. सरकार की ओर से हर संभव मदद की जाएगी.

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मीणा ने अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार हर तरीके से आपदा प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन जिला प्रशासन ने सरकार के पास किसी भी प्रकार की डिमांड नहीं भेजी है. मंत्री ने बताया कि उन्होंने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया है, हालात खराब हैं. लोगों से कनेक्टिविटी नहीं हो पा रही है. उनके मोबाइल काम नहीं कर रहे हैं. प्रशासन ने सरपंचों पर खाने की व्यवस्था का जिम्मा सौंप दिया है. मंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ की टीमें बढ़ाने की आवश्यकता है. बैठक में जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक नारायण टोंगस सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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आपको बता दें कि करौली के मंडरायल उपखंड से होकर गुजर रही चंबल नदी में अभी भी पानी की आवक तेज (Chambal river flowing above danger level) है. चंबल नदी खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार चंबल नदी ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अधिकारियों ने बताया कि चंबल नदी वर्ष 1996 में 25 मीटर तक बही थी जो कि इस बार 25.5 मीटर तक बह गई है. चंबल नदी में पानी की आवक के साथ करणपुर और मंडरायल इलाके के दो दर्जन गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. एसडीआरएफ टीम लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. वहीं पुलिस प्रशासन ने चंबल नदी के पास लोगों की आवाजाही को रोक दिया है.

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करौली मंडरायल उपखंड मे चंबल नदी में भारी पानी की आवक से निचले किनारे बस रहे गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं. जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से टापू में तब्दील हो चुके हैं. लोगों की सुध लेने के लिए गुरूवार को राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत करौली के मंडरायल दौरे पर रहेगें. सीएम गहलोत आपदा ग्रसित क्षेत्र का दौरा करेंगे. साथ ही पीड़ितों से मुलाकात करेंगे.

Last Updated : Aug 26, 2022, 12:15 AM IST

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