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जोधपुर : सब्जियों पर भारी पड़ रहा पाला....लूणी इलाके के कई किसानों की फसलें खराब

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Published : Jan 3, 2021, 8:59 PM IST

प्रदेश में लगातार सर्दी का कहर जारी है. वहीं, जोधपुर के लूणी में भी पड़ रहे पाले के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. साथ ही आने वाले समय में भी अधिक सर्दी पड़ने की संभावना जताई जा रही है. सुबह के समय सब्जियों की फसल पर पाला जम जाता है जिससे मिर्ची, टमाटर, मटर, लौकी सहित अन्य फसलें प्रभावित हो रही हैं.

लूणी की ताजा हिंदी खबरें, Temperature drop
सर्दी के कारण किसानों की फसलें हो रही खराब

लूणी (जोधपुर). सर्दी का मौसम चल रहा है और आने वाले समय में सर्दी का प्रकोप और बढ़ने वाला है. दिन प्रतिदिन तापमान में गिरावट आने से किसानों की बोयी हुई सब्जियों की फसल भी काफी प्रभावित हो रही है.

वैज्ञानिकों ने इस बार लंबे समय तक सर्दी का असर होने के साथ ही इसके अधिक पड़ने की संभावना जताई है. साथ ही इसका असर दिखने भी लगा है. वहीं दिन प्रतिदिन तापमान में गिरावट आने से सब्जियों की फसल प्रभावित हो रही है.

बता दें कि कई दिनों से सुबह के समय सब्जियों की फसल पर पाला जम जाता है. इससे मिर्ची, टमाटर, मटर, लौकी सहित अन्य फसलें प्रभावित हो रही हैं. फसल खराब होने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. लूणी क्षेत्र में आधे से ज्यादा किसान सब्जियों की खेती पर निर्भर हैं. ऐसे में फसल खराब होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता दिखाई दे रही हैं. इस मौसम में सब्जी खराब होने के बाद सब्जी मंडियों में दाम सकते हैं.

गौरतलब है कि कई दिनों से लगातार ठंड और धुंध होने से सुबह के समय पाला पड़ने के कारण सब्जियों की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं सब्जियों के पत्ते पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं. किसानों का कहना है कि ठंड जैसे-जैसे बढ़ रही है सब्जियों की फसल को भी नुकसान हो रहा है. इस ठंड में सब्जियों की फसल बताना काफी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि ज्यादा ठंड जीरा, रायडा, सरसों, गेंहू, चना, तारामीरा की खेती के लिए बहुत अधिक उपयोगी है.

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किसान गोपाराम ने बताया कि मिर्ची की खेती 5 हेक्टेयर में की गई हैं. इसके साथ ही लौकी और टमाटर की खेती की गई है. वहीं, लगातार 3 दिन से पाला पड़ने से सब्जियों के फल फूल आने बंद हो गए हैं और पत्ते पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर से जनवरी के बीच पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती हैं. पौधों के पत्ते सड़ने से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप अधिक बढ़ने लगता है.

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