जोधपुर. सूरसागर क्षेत्र में रविवार शाम को पानी भरने को लेकर हुए विवाद में घायल किशनलाल भील की हत्या के मामले में परिजनों और सर्वसमाज के लोगों के साथ प्रशासन की सहमति बन गई (demand of deceased man accepted by administration) है. जिसके बाद परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के लिए अनुमति दे दी. इससे पहले इस मामले को लेकर प्रशासन ओर पीड़ित पक्ष के बीच दो बार वार्ता असफल रही.
मंगलवार शाम को प्रशासन और पीड़ित के परिजन, भाजपा नेता, सर्वसमाज के लोगों के बीच हुई वार्ता में पीड़ित को 12 लाख रुपए का मुआवजा देय होगा. इसमें 4 लाख अभी मिलेंगे जबकि शेष राशि मामले में पुलिस द्वारा चालान पेश करने पर देय होगी. इसके अलावा उसकी पत्नी को संविदा पर नौकरी दी जाएगी. साथ ही सरकार की योजना के अंतर्गत परिवार को पेंशन से जोड़ा जाएगा. मामले की जांच एसीपी प्रतापनगर प्रेम धनदेव करेंगी. इस दौरान एडीएम राजेंद्र डांगा, एसडीएम नीरज मिश्रा, एडीसीपी हरफूलसिंह सहित अन्य अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे.
इससे पहले भाजपा के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे और वहां राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. सांसद गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह नगर में इस तरह का घटनाक्रम होना बताता है कि कानून व्यवस्था के हालात क्या हैं? एक दलित श्रेणी के व्यक्ति की पानी भरने के लिए हत्या कर दी जाती है. इससे पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्न लग रहे हैं. कैलाश मेघवाल ने कहा कि सीएम के गृह जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति इस कदर चरमराई हुई है कि एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को आजादी के बाद आज भी पानी भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.