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झुंझुनूः चनाना के लाल का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार - rajasthan hindi news

सशस्त्र सीमा बल के पद के लिए ट्रेनिंग कर रहे जवान अमित नेहरा का 6 जून को तबीयत बिगड़ जाने से देहांत हो गया था. राजकीय सम्मान के साथ आज अमित का अंतिम संस्कार हुआ

झुंझुनू में जवान की मौत, soilder died in jhunjhunu
चनाना के लाल का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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Published : Jun 8, 2021, 7:58 PM IST

झुंझुनू.जिले के चिड़ावा कस्बे नजदीक चनाना गांव में सशस्त्र सीमा बल के पद के लिए ट्रेनिंग कर रहे जवान अमित नेहरा का मंगलवार को उनके पैतृक गांव चनाना में अंतिम संस्कार किया गया.

चनाना के लाल का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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ढाणी बड़सरा के अमित नेहरा पुत्र जयसिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान चिड़ावा थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण सैनी, चनाना सरपंच चरणसिंह सहित गांव के गणमान्य लोगों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी.

जानकारी के अनुसार अमित नेहरा की छह जून को तबीयत बिगड़ थी. अचानक तबीयत बिगड़ने से अस्पताल भी ले जाया गया. लेकिन अमित को बचाया नही जा सका. अमित को उल्टी की शिकायत हुई थी पहले फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. सात जून को देर शाम अमित का शव उनके पैतृक गांव चनाना पहुंचा. जबकि आज अमित का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

14 अप्रेल को हुआ था चयन

ढाणी बडसरा के निवासी अमित नेहरा का 14 अप्रेल को सशस्त्र सीमा बल के लिए चयन हुआ. अभी दो महीने भी लगभग नही बीते थे कि अमित ने सबको अलविदा कह दिया. अमित की ट्रेनिंग बिहार सोपोर में चल रही थी. लेकिन ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही अमित की अचानक तबीयत बिगड़ी और वे शहीद हो गए. जानकारी के अनुसार अमित नेहरा की छह जून को तबीयत बिगड़ थी.

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अचानक तबीयत बिगड़ने से अस्पताल भी ले जाया गया. लेकिन अमित को बचाया नही जा सका. अमित को उल्टी की शिकायत हुई थी पहले फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. सात जून को देर शाम अमित का शव उनके पैतृक गांव चनाना पहुंचा. जबकि आज अमित का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

परिवार का रो-रो कर बुरा हाल

अमित के ऐसे चले जाने से परिवार पूरी तरीके टूट गया है. घर का इकलौता बेटा अमित को याद करके उसके पिता जयसिंह, माता व एक बहन और परिवारजनो का रो-रो कर बुरा हाल है. अमित की अभी शादी नही हुई थी जबकि अमित की एक ही बहन है. जिसकी शादी हो चुकी थी.

अमित के इस तरह छोड़ कर जाने से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है. अमित की परिवार की स्थिति भी ठीक नहीं है. अमित के चयन के बाद परिवार के लिए एक उम्मीद का दीया जला था, लेकिन वो दीया ऐसे बुझ जाएगा. ऐसी कल्पना भी नही की थी. गांव का हर आम व खास, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण सब ने नम आंखों से अमित को श्रद्धांजलि दी है.

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