झालावाड़.लॉकडाउन लागू हुए एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन मजदूरों की समस्याएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. राजस्थान सरकार मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का दावा तो कर रही है, लेकिन वास्तविकता ये है कि मजदूरों को भूखे पेट जिला मुख्यालय पर ही छोड़ा जा रहा है.
भूखे प्यासे घर जाने की उम्मीद में बैठे मजदूर ईटीवी भारत की टीम ने झालावाड़ जिले में आ रहे मजदूरों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट का रियलिटी चेक किया. जहां पर प्रदेश के कई जिलों से मजदूरों को लाया जा रहा है. यहां पर कई मजदूर बैठे हुए मिले जो अपने गंतव्य तक जाने की उम्मीद में भूखे प्यासे बैठे हुए हैं.
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चेक पोस्ट पर 1 दर्जन से अधिक मजदूर जो कि रामदेवरा से लाये गए हैं और इनको झालावाड़ के खानपुर में जाना है. लेकिन इनको जिला मुख्यालय पर ही छोड़ दिया गया है. मजदूरों ने बताया कि कल (शनिवार) दोपहर 2 बजे ये लोग रामदेवरा से रवाना हुए थे. इनको सुबह 8 बजे झालावाड़ चेक पोस्ट पर पहुंचा दिया गया. लेकिन न तो रास्ते में और न ही झालावाड़ पहुंचने पर इनके लिए खाने की व्यवस्था करवाई गई.
जब संवाददाता मजदूरों के पास पहुंचे तो उतने समय दोपहर के 2 बज रहे थे. ऐसे में 24 घंटे से मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था नहीं करवाई गई. साथ ही इनको अभी तक इनके गंतव्य तक भी नहीं छोड़ा गया है. मजदूरों ने बताया कि बस से यहां पर 8 बजे उतारने के बाद प्रशासन के अधिकारी इनको कह रहे हैं कि आपको छोड़ने की व्यवस्था करवाई जाएगी. लेकिन 5-6 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो वाहन की व्यवस्था की गई है और न ही खाने-पीने की. ऐसे में ये मजदूर भूखे प्यासे अपने घरों तक पहुंचने के इंतजार में बैठे हुए हैं.