राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

घर जाने की उम्मीद में करीब 24 घंटे से भूखे प्यासे झालावाड़ चेक पोस्ट पर बैठे मजदूर

झालावाड़ के मजदूरों के लिए कोटा रोड पर बनाए गए चेक पोस्ट पर करीब एक दर्जन मजदूर 24 घंटों से बिना खाए पिए अपने गंतव्य तक पहुंचने के इंतजार में बैठे हुए हैं. रामदेवरा से इनको लाकर जिला मुख्यालय पर ही छोड़ दिया गया. जबकि इनको खानपुर जाना है.

jhalawar news  workers seated at jhalawar check post  go home hungry thirsty  jhalawar check post
भूखे प्यासे घर जाने की उम्मीद में बैठे मजदूर

By

Published : Apr 26, 2020, 4:23 PM IST

झालावाड़.लॉकडाउन लागू हुए एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन मजदूरों की समस्याएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. राजस्थान सरकार मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का दावा तो कर रही है, लेकिन वास्तविकता ये है कि मजदूरों को भूखे पेट जिला मुख्यालय पर ही छोड़ा जा रहा है.

भूखे प्यासे घर जाने की उम्मीद में बैठे मजदूर

ईटीवी भारत की टीम ने झालावाड़ जिले में आ रहे मजदूरों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट का रियलिटी चेक किया. जहां पर प्रदेश के कई जिलों से मजदूरों को लाया जा रहा है. यहां पर कई मजदूर बैठे हुए मिले जो अपने गंतव्य तक जाने की उम्मीद में भूखे प्यासे बैठे हुए हैं.

यह भी पढ़ेंःझालावाड़: एक और डॉक्टर आया कोरोना की चपेट में, संक्रमितों की संख्या हुई 30

चेक पोस्ट पर 1 दर्जन से अधिक मजदूर जो कि रामदेवरा से लाये गए हैं और इनको झालावाड़ के खानपुर में जाना है. लेकिन इनको जिला मुख्यालय पर ही छोड़ दिया गया है. मजदूरों ने बताया कि कल (शनिवार) दोपहर 2 बजे ये लोग रामदेवरा से रवाना हुए थे. इनको सुबह 8 बजे झालावाड़ चेक पोस्ट पर पहुंचा दिया गया. लेकिन न तो रास्ते में और न ही झालावाड़ पहुंचने पर इनके लिए खाने की व्यवस्था करवाई गई.

जब संवाददाता मजदूरों के पास पहुंचे तो उतने समय दोपहर के 2 बज रहे थे. ऐसे में 24 घंटे से मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था नहीं करवाई गई. साथ ही इनको अभी तक इनके गंतव्य तक भी नहीं छोड़ा गया है. मजदूरों ने बताया कि बस से यहां पर 8 बजे उतारने के बाद प्रशासन के अधिकारी इनको कह रहे हैं कि आपको छोड़ने की व्यवस्था करवाई जाएगी. लेकिन 5-6 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो वाहन की व्यवस्था की गई है और न ही खाने-पीने की. ऐसे में ये मजदूर भूखे प्यासे अपने घरों तक पहुंचने के इंतजार में बैठे हुए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details