झालावाड़. राजनीति शतरंज के खेल की तरह है. जहां पर जो दिखता है, वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों झालरापाटन विधानसभा सीट पर नजर आ रहा है. जहां से कांग्रेस के मजबूत दावेदार रहे शैलेंद्र यादव का टिकट कटने के बाद कांग्रेस के नगर परिषद झालावाड़ प्रतिपक्ष नेता शुभेन्द्र हाड़ा सहित कई पार्षदों, मंडल अध्यक्ष, एनएसयूआई पदाधिकारी के इस्तीफों की बाढ़ सी आ गई है. यही नहीं कांग्रेस पार्षदों तथा पदाधिकारी द्वारा कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के वीडियो भी जारी किए हैं. जिनमें वे कांग्रेस से बगावत कर शैलेन्द्र यादव के समर्थन की बात कर रहे हैं.
गौरतलब है कि यहां कांग्रेस ने अंतिम समय पर पायलट गुट के शैलेंद्र यादव का टिकट काटकर रामलाल चौहान को थमा दिया है. प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली इस सीट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं उनके सामने कांग्रेस ने जमीनी किसान नेता रामलाल चौहान को मैदान में उतारा है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 34 वर्षों से यहां राजनीति में सक्रिय हैं. इधर शैलेंद्र यादव टिकट कटने से नाराज होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मैदान में उतर चुके हैं.
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वहीं मंगलवार को तीनों प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए जाने के बाद कुछ हद तक मतदाताओं के मन में तस्वीर साफ हो चुकी है. ऐसे में निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 9 नवंबर घोषित की है. इधर टिकट कटने के बाद शैलेंद्र यादव ने कांग्रेस पार्टी से बगावत करने का मन बना लिया है. आगामी दिनों में शहर में बड़ी रैली करने की तैयारी में है.
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कांग्रेस पदाधिकारी के इस्तीफे सौंपने का क्रम जारी:प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद जिले में कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. मनोहर थाना विधानसभा सीट से पूर्व विधायक कैलाश मीणा भी अपना टिकट कटने से नाराज हैं. उनके समर्थन में पहले ही कई पार्टी पदाधिकारी अपने इस्तीफे पार्टी को सौंप चुके हैं. वहीं अब शैलेंद्र यादव समर्थक नगर परिषद झालावाड़ प्रतिपक्ष नेता शुभेन्द्र हाड़ा सहित कांग्रेस पार्षदों तथा ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारियों ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है.
वहीं कांग्रेस पार्टी से खुली बगावत कर शैलेंद्र यादव का समर्थन करने का ऐलान किया है. पार्षदों का कहना है लगातार दूसरी बार से उनका टिकट राजनीतिक कटुता के कारण काटा गया है. वहीं नामांकन के बाद शैलेंद्र यादव ने मीडिया से दो टूक शब्दों में कहा कि उनका मकसद केवल झालावाड़ को गुलामी से मुक्त करवाना है और इसीलिए उनके द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है.