अकलेरा (झालावाड़).बीनागंज चाचौड़ा सड़क मार्ग पर दिहाड़ी मजदूर पैदल ही पलायन करते दिखाई दिए. पलायन का ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
ये मजबूरी एक व्यक्ति या परिवार की नहीं है बल्कि यह लॉकडाउन के कारण बने हालात के बाद कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ हाईवे और जंगल-खेतों के रास्ते घरों को लौट रहे हर व्यक्ति की है. अपने गांव और कस्बों से रोजी-रोटी की तलाश में बड़े शहरों में आए दिहाड़ी मजदूर अब घर लौट रहे हैं.
इनके गांव-शहर अलग-अलग हैं, लेकिन कहानी एक ही है. रोजगार छिन गया और बच्चों की भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो तपती धूप और गर्मी के बीच पैदल ही घर को चल दिए. 200 किलोमीटर दूर कोटा राजस्थान से पैदल चलते चलते झालावाड़ अकलेरा होते हुए कामखेड़ा पहुंचे कामखेड़ा से इन लोगों से जब संवाददाता ने बात की.
लोगों ने बताया कि इन्हें मध्य प्रदेश कुंभराज जाना है. ऐसे में क्षेत्र के चारों ओर सीमाओं पर नाकाबंदी की जा चुकी है. विगत 2 दिनों से ऐसे में संवाददाता ने जब पूछा तो उन्होंने जवाब दिया पैदल चलकर नन्ही सी मासूम बिटिया मेरे साथ पाव में ना तो जूते चप्पल है पैरों में छाले पड़ गए. उन्हेंने बताया कि लगभग दर्जनों से अधिक लोग पैदल ही जा रहे थे.