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कोरोना से ग्रामीणों की जंग : सूृझबूझ और जागरूकता के दम पर कोटकास्ता के ग्रामीण लड़ रहे कोरोना से जंग

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Published : Jun 19, 2020, 8:10 PM IST

पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. वहीं कोरोना का संक्रमण अब गांव तक पहुंच गया है. ऐसे में भीनमाल के ग्रामीण कोरोना से अपनी सूझबूझ और जागरूकता के दम पर बखूबी जंग लड़ रहे हैं.

Kotkastha village, राजस्थान न्यूज
कोरोना से ग्रामीणों की जंग

भीनमाल (जालोर).पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है.वहीं कोरोना संक्रमण ने शहरों के बाद अब गांव को भी अपने चपेट में ले लिया है लेकिन ग्रामीणों और प्रशासन की सूझबूझ से कोटकास्ता ग्राम पंचायत अभी तक कोरोना संक्रमण से अछूता है. वहीं गांव में कोरोना को हराने की जंग अभी जारी है.

कोरोना से ग्रामीणों की जंग

जालोर जिले में 90 फीसदी कोरोना पॉजिटिव मरीज गांवों से हैं. वहीं ये सभी वे मरीज हैं, जो लॉकडाउन के समय अन्य राज्यों से लौटे हैं. ऐसे में ग्रामीणों को संक्रमण का डर सताने लगा लेकिन ग्रामीणों ने समय रहते प्रशासन की मदद से कोरोना से बचाव के सारे एहतियात बरते. जिससे वो बखूबी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.

गांव को किया जा रहा सैनिटाइज

इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम कोटकास्ता ग्राम पंचायत पहुंची, जहां टीम ने कोटकास्ता, घासेड़ी, लेदरमेर में ग्रामीणों ने कोरोना से जंग की कहानी बयां की. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना से लड़ने के लिए हमने एक अभियान की तरह कार्य किया. जिसके चलते कोरोना से कोटकास्ता ग्राम पंचायत अछुती रही.

अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं

कोटकास्ता ग्राम पंचायत के घासेड़ी में 499, लेदरमेर में 510 और कोटकास्ता में 415 प्रवासी कोरोना काल के दौरान घर लौटे. देखा जाए तो जालोर जिले के भीनमाल विधानसभा के इस ग्राम पंचायत के बड़ी संख्या में युवा गुजरात और महाराष्ट्र में नौकरी व व्यापार करते हैं. वहीं लॉकडाउन में कोरोना के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य लगातार कोरोना मरीज की संख्या आने के चलते सुर्खियों में था.

पुलिस वाले नियमों की करवा रहे पालना

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ऐसे में घर वापस लौटनेवाले प्रवासी अपने साथ कोरोना संक्रमण का खौफ भी ले कर आए. इसको देखते हुए ग्रामीण और प्रशासन ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी.

ग्रामीण और प्रशासन की सतर्कता से पंचायत कोरोना मुक्त

ग्रामीण और प्रशासन की सतर्कता के चलते प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन की पालना करवाई गई. जिससे ग्राम पंचायत कोरोना से मुक्त रहा. जिसके चलते कोटकास्ता में आज तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया. साथ ही ग्रामीणों की इम्यूनिटी पॉवर बढ़े इसलिए समय-समय पर काढ़ा पिलाया गया.

चाय थड़ी पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

चाय की थड़ी पर भी कोरोना से बचाव के उपाय

गांव में कोरोना से बचाव को लेकर जागरुकता इतनी है कि चाय थड़ियों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. चाय बेचने वाले सांवलाराम पुरोहित ने बताया कि ग्राहकों को हाथ सैनिटाइज करवाकर ही चाय परोसी जाती है. साथ ही थड़ी पर रस्सी बांधी गई है, जिससे लोगों के बीच सोशल डिस्टेंस बना रहे.

समाजसेवी रहे हरकदम पर साथ

कोरोना काल में लॉकडाउन के अंतर्गत समाजसेवियों और प्रशासन की मदद से जरूरतमंदों तक किट वितरण किए गए. ग्राम सेवक जालाराम विश्नोई ने बताया कि समाजसेवियों की ओर से लॉकडाउन के दौरान हर कदम पर साथ रहे.

समाजसेवी बांट रहे जरूरतमंदों को किट

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जिसकी बदौलत लोगों तक हर संभव मदद पहुंची. वर्तमान समय मे कोरोना के चलते आई आर्थिक मंदी के दौर में हकीकत कहा जाए तो नरेगा योजना ग्रामीणों के लिए जुड़ी बूटी की तरह कार्य कर रही है.

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