राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी हो रहा है बजरी का अवैध खनन, प्रशासन मौन - बजरी का अवैध खनन

जालोर में बजरी का धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भी बजरी का स्टॉक किया जा रहा है. प्रशासन की ओर से इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर अब प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है.

जालोर में बजरी का धड़ल्ले से अवैध खनन, Illegal mining of gravel in Jalore

By

Published : Nov 24, 2019, 8:29 PM IST

जालोर.प्रदेश में 2017 से बजरी के खनन पर रोक लगी हुई है. जिसके बावजूद लाखों टन बजरी का स्टॉक करना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है. बजरी का अवैध तौर पर खनन कर के उसका स्टॉक किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी हो रहा है बजरी का अवैध खनन

बता दें कि जिले के चितलवाना उपखंड के सेसावा गांव के पास नेशनल हाइवे का निर्माण करने वाली कम्पनी ने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद लाखों टन बजरी का स्टॉक कर लिया. इसके बाद अब इस बजरी से सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट का काम धड़ल्ले से चल रहा हैं. जिसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बावजूद जालोर जिला और उपखण्ड प्रशासन के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

पढ़ेंः सभापति का चुनाव....निर्दलीय प्रत्याशी ने लिया नाम वापस, कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला

जानकारी के अनुसार गांधव से लेकर बाखासर तक के चल रहे नेशनल हाइवे के निर्माण के लिए कोसिटा गांव में सड़क के किनारे भारी मात्रा में बजरी का स्टॉक कर रखा है. जबकि प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने 2017 से ही रोक लगा दी है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि सड़क निर्माण का कार्य करने वाली कम्पनी ने यहां पर बजरी का स्टॉक कहा से लाई.जिला मुख्यालय के आसपास जवाई नदी और सुकड़ी नदी सहित आसपास के नालों से रोक के बावजूद भी अवैध रूप से बजरी का खनन किया जा रहा है. जिससे सेसावा और कंपनी के मदावा स्थित गोदाम में भी बजरी का स्टॉक किया गया हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.

पढ़ेंः जलोरः रानीवाड़ा में एक करोड़ की लागत से बने विद्यालय भवन का लोकार्पण

वहीं भीनमाल के पास कई गांवों में दिन दहाड़े बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है. जिस पर कुछ दिन पूर्व एसपी हिम्मत अभिलाष टांक ने जालोर से टीम भेज कर करवाई थी. लेकिन कार्रवाई के दूसरे दिन से खनन का काम शुरू हो गया. बता दें कि प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवम्बर 2017 को रोक लगा दी थी. उसके बाद बजरी के अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन जिला प्रशासन के लचर रवैये के कारण जिले भर में भारी मात्रा में अवैध बजरी का खनन हो रहा है. कई जगहों पर बजरी स्टॉक करके महंगे दामों में बेची जा रही है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details