भीनमाल (जालोर). कोरोना से बचाव के लिए कई जतन किए जा रहे हैं. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है. वहीं वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए एक 13 वर्षीय छात्र ने ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजिंग मशीन बनाई है.
9वीं के छात्र राहुल ने बनाई ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजिंग भीनमाल आदर्श विद्या मंदिर शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले 9वीं कक्षा के छात्र राहुल मोदी ने एक हजार रुपये की लागत से एक ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजिंग मशीन का निर्माण किया है. जिसके माध्यम से मशीन को बिना स्पर्श किए हैंड सैनिटाइज किए जा सकते हैं.
कैसे काम करती है मशीन
मशीन के नोजल के नीचे हाथ ले जाने पर अपने आप सैनिटाइजर हाथ पर आ जाता है. इससे मशीन को न तो छूना पड़ता है, ना ही संक्रमण का कोई खतरा होता है. मशीन में सेंसर का इस्तेमाल किया गया है. इसमें कई सारी वस्तुओं को सेंसर रीड कर लेता है. कोडिंग के माध्यम से ये मशीन काम करती है.
विद्यालय सहित कई जगह होगी कारगार साबित
लैब प्रभारी रमाकांत दास ने बताया कि छात्र राहुल ने कोरोना काल में समय का सदुपयोग करते हुए प्रतिदिन अभ्यास करके वैज्ञानिक शोध के आधार पर मशीन का निर्माण किया है. वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजिंग मशीन छात्रों, अभिभावकों व कर्मचारियों के लिए बेहद कारगर साबित होगी. इसे प्रवेश द्वार पर लगा सकते हैं. यह मशीन पूरी तरह से संपर्क रहित है. इसलिए इससे स्वच्छता बनी रहती हैं विद्यालय सहित अन्य कई स्थानों पर इसे लगाया जा सकता है.
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वहीं 13 वर्षीय राहुल का कहना है कि मशीन को छूने से कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा है, क्योंकि हैंड सैनिटाइज करने के लिए हर कोई मशीन को स्पर्श करेगा. इसके लिए उन्होंने बिना मशीन को स्पर्श किए हैंड सैनिटाइज करने की मशीन का निर्माण किया. उन्होंने बताया कि इसकी लागत भी दूसरी मशीनों से बहुत कम है.