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जैसलमेर: हस्ताक्षर अभियान के साथ बालिका सप्ताह हुआ शुरू...दिव्यांग बालिकाओं के लिए गोष्ठी का होगा आयोजन - Save daughter - teach daughter

जैसलमेर में महिला अधिकारिता विभाग की ओर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान आयोजन किया गया. इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि देश और प्रदेश में बालिका भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा में कमी और समाज में लड़का-लड़की का भेद भाव होता है. उसे समाप्त करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है.

Exhibition in Jaisalmer, Beti Bachao-Beti Padhao campaign in Jaisalmer
जैसलमेर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान

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Published : Jan 18, 2021, 6:26 PM IST

जैसलमेर.जिले में बालिका सप्ताह का आगाज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हस्ताक्षर अभियान और प्रदर्शनी के साथ हुआ. सोमवार को स्थानीय जवाहर चिकित्सालय के बाहर स्थित रीडिंग कॉर्नर पर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ हस्ताक्षर अभियान शुरू हुआ और प्रदर्शनी लगाई गई. बालिका सप्ताह 24 जनवरी तक चलेगा.

जैसलमेर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान

इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर आशीष मोदी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर हरिसिंह मीणा, महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशोक कुमार गोयल सहित अन्य जिला अधिकारियों एवं महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत में सभी ने बालिका समानता और उनके अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया. इसके बाद जिला कलेक्टर मोदी ने बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ बैनर पर हस्ताक्षर कर अभियान की शुरुआत की. बाद में वहां उपस्थित सभी लोगों ने बैनर पर हस्ताक्षर कर इस अभियान को आगे बढ़ाया.

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इस मौके पर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि देश और प्रदेश में बालिका भ्रूण हत्या, बालिका शिक्षा में कमी और समाज में लड़का-लड़की के भेद को समाप्त करने के उद्देश्य से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान केंद्र सरकार के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आगामी एक सप्ताह में जिले में इस अभियान को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

इस दौरान जिला परिषद सभागार में दिव्यांग बालिकाओं के साथ एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा और उनसे चर्चा की जाएगी. इस मौके पर जिला कलेक्टर मोदी ने जिले के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों सहित महिलाओं से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम से जुड़ें और इसे एक मुहिम की तरह लेकर समाज में यह संदेश दें कि बेटा-बेटी समान हैं. बालिकाओं को समान अवसर मिलने चाहिएं.

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