राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

विद्युत नियामक आयोग की State advisory कमेटी में खाली पड़ी है विधायकों की 2 सीट

टैरिफ पिटिशन के संदर्भ में नियामक आयोग की स्ट्रेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी हो चुकी है. लेकिन साल 2018 में गठित इस कमेटी में शामिल 2 विधायकों की सीट अभी भी खाली चल रही है. आयोग ने विधायकों का कमेटी में नॉमिनेशन करने के लिए सरकार से आग्रह जरूर किया है, लेकिन अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया गया है.

विद्युत नियामक आयोग, Electricity Regulatory Commission

By

Published : Nov 7, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर.प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर बिजली कंपनियों की ओर से दायर टैरिफ पिटिशन पर विद्युत विनियामक आयोग सुनवाई कर रहा है. टैरिफ पिटिशन के संदर्भ में नियामक आयोग की स्ट्रेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी हो चुकी है.

स्टेट एडवाइजरी कमेटी में खाली पड़ी है विधायकों की 2 सीट

लेकिन साल 2018 में गठित इस कमेटी में शामिल 2 विधायकों की सीट अभी भी खाली चल रही है. आयोग ने विधायकों का कमेटी में नॉमिनेशन करने के लिए सरकार से आग्रह जरूर किया है, लेकिन अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया गया है.

पिछली भाजपा सरकार ने गठित की थी 21 सदस्य स्टेट एडवाइजरी कमेटी

प्रदेश की बिजली कंपनियों के कामकाज पर नजर रखने का काम राजस्थान राज्य विद्युत नियामक आयोग करता है. चाहे डिस्कॉम की ओर से विद्युत दरों में बढ़ाने का मसला हो या फिर विद्युत प्रसारण उत्पादन या निजी क्षेत्र के पावर जनरेटर का मामला इसके अलावा बिजली से जुड़े उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित करने का काम भी आयोग ही करता है.

पढ़ें-निकाय चुनाव 2019: पुष्कर के पवित्र सरोवर में सीवेज के पानी की आवक का मुद्दा फिर गर्माया, कांग्रेस और बीजेपी भुनाने में जुटी

नियामक आयोग में तमाम तरह के कामों के सलाह मशवरा के लिए बकायदा एक स्टेट एडवाइजरी कमेटी का गठन भाजपा सरकार के कार्यकाल में जुलाई 2018 में किया गया था. 21 सदस्य इस कमेटी में ब्यूरो के और टेक्नोकेड के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपर्ट्स और 2 विधायकों को भी रखा गया था.

लेकिन ना तो पिछली भाजपा सरकार ने इस कमेटी में दो विधायक को रखा और ना ही मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में अब तक इन 2 सीटों को विधायकों से भरा गया. आयोग के अध्यक्ष श्रीमत पांडे ने हाल ही में जनप्रतिनिधियों के रूप में विधायकों को कमेटी में शामिल करने के लिए आयोग की ओर से सरकार से आग्रह किया है.

ऊर्जा महकमे की जिन विधायकों को होगी समाज उन्हें कमेटी में करेंगे शामिल- ऊर्जा मंत्री

राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के प्रावधानों के तहत विद्युत विनियामक आयोग को बिजली से जुड़े तमाम मामलों को लेकर स्टेट एडवाइजरी कमेटी आयोग को सुझाव देती है. अब मौजूदा दौर में प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर याचिका लगी हुई है और आयोग भी इस मामले में लगातार सुनवाई कर रहा है. इस संबंध में स्टेट एडवाइजरी कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है. लेकिन जनप्रतिनिधियों के रूप में इसमें किसी भी विधायक ने कोई सुझाव नहीं दिया. क्योंकि जनप्रतिनिधियों को जन भावनाओं का बेहतर ध्यान होता है और वह उनके हितों की बात आयोग के समक्ष उठा भी सकते हैं.

पढ़ें-नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

लेकिन कमेटी में अब तक किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली है इसलिए जनता की बात जनप्रतिनिधि आखिर उठाए भी तो कैसे. हालांकि, इस बारे में ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला का कहना है कि जल्द ही विचार विमर्श कर दो विधायकों को एडवाइजरी कमेटी में शामिल किया जाएगा जो महकमे को लेकर समझ रखते हो. वहीं, अब उम्मीद है कि सरकार जल्द ही आयोग की स्टेट एडवाइजरी कमेटी में 2 विधायकों को शामिल करेगी. जिससे विनियामक आयोग के समक्ष जनता से जुड़े हितों को यह जनप्रतिनिधि प्रमुखता से उठा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details