जयपुर. भारतीय नववर्ष 2019 (नवसंवत्सर) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 6 अप्रैल से शुरू होंगे. इस दिन चैत्र नवरात्र भी शुरू होंगे. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहेगा और इसमें घट स्थापना पूर्णतय वर्जित मानी गई है. इसलिए घट स्थापना का कोई मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दोपहर 12 बजकर 05 से 12 बजकर 55 मिनट तक घट स्थापना की जा सकेगी, ऐसे में नवरात्र में घट स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का ही समय मिलेगा. इस समय अभिजित मुहूर्त के साथ अमृत योग भी रहेगा.
शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र में घट स्थापना को निषेध बताया गया है. इस बार चैत्र प्रतिपदा पर पूरे दिन वैधृति योग रहेगा. वैधृति योग एक दिन पहले ही 5 अप्रेल को रात 20 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा, जो 6 अप्रेल को रात 9 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ऐसे में चैत्र नवरात्र के पहले दिन दिनभर वैधृति योग रहने से घट स्थापना का कोई पंचांगीय मुहूर्त नहीं है.
सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य रवि शर्मा ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र शुरू होंगे, इस बार इसदिन वैधृति योग होने से पंचांगीय मुहूर्त नहीं है. हालांकि धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु धर्म शास्त्रों के अनुसार वैधृति योग के दो चरण समाप्त होने के बाद घट स्थापना की जा सकती है. ऐसे में इस दिन वैधृति योग के दो चरण खत्म होने के बाद अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.05 से 12.55 बजे तक घट स्थापना की जा सकेगी. अभिजित स्वयंसिद्ध काल होने से इस समय ही घट स्थापना की जा सकती है. इस बीच अमृतयोग भी रहेगा। अमृत योग सुबह 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.