जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड से जुड़े मामले में दो जेल प्रहरियों वीरेन्द्र सिंह और योगेश वर्मा सहित महिला सुधा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद हैं. ऐसे में अब उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए आरोपियों को जमानत पर रिहा करना उचित रहेगा.
जमानत याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि जेल प्रहरी याचिकाकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने राजू ठेहट हत्याकांड में शामिल मुख्य षडयंत्रकर्ता कुलदीप को मोबाइल फोन मुहैया कराया था. वहीं याचिकाकर्ता महिला पर हत्याकांड में शामिल शूटर को 50 हजार रुपए और हथियार उपलब्ध कराने का आरोप है. याचिका में कहा गया कि अजमेर जेल हाई सिक्योरिटी वाली जेल है. जहां हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं.
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ऐसे में यह संभव नहीं है कि वहां तैनात याचिकाकर्ता ने कुलदीप को मोबाइल फोन उपलब्ध कराया. इसके अलावा मोबाइल फोन भी बरामद नहीं हुआ है. याचिका में भी कहा गया कि राजू ठेहट की हत्या में याचिकाकर्ताओं के शामिल होने का कोई साक्ष्य भी मौजूद नहीं है. यहां तक की एफआईआर में भी याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं है. पुलिस ने बाद में आईपीसी की धारा 120बी जोड़कर उनके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया है.
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वहीं याचिकाकर्ता सुधा पर रुपए और हथियार देने का आरोप है, लेकिन इसकी कोई ठोस साक्ष्य अभियोजन पक्ष के पास नहीं है. याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद हैं. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका सरकारी वकील की ओर से विरोध किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने तीनों याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.