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School Education Department : प्रदेश के 26 जिलों के 400 और स्कूलों में स्मार्ट क्लास, ढाई महीने में होंगे तैयार - Rajasthan Hindi news

स्कूल शिक्षा विभाग के 'मिशन स्टार्ट' के तहत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को ई-लेक्चर के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में पढ़ाई कराई जाएगी. इसके लिए प्रदेश के 400 और स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएगी.

School Education Department
स्कूल शिक्षा विभाग

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 29, 2023, 6:30 PM IST

जयपुर. प्रदेश के 26 जिलों के 400 और स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएगी. अगले ढाई महीने में ये काम पूरा किया जाएगा. शुक्रवार को जयपुर में सांगानेर के सुखपुरिया स्कूल से इस अभियान की शुरुआत हुई. प्रदेश में लक्ष्य से आगे बढ़कर 14 हजार 908 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों ने एडवांस टाइम टेबल के आधार पर स्मार्ट कक्षाओं में ई-कंटेंट के जरिए अध्यापन शुरू कर दिया है.

क्वालिटी कंटेंट बच्चों का अधिकार : इसके लिए स्मार्ट क्लासेस भी जरूरी हैं, जिनके निर्माण का बीड़ा प्राइवेट फर्म का साथ लेकर उठाया गया है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि क्वालिटी कंटेंट बच्चों का अधिकार है, इसी उद्देश्य से मिशन स्टार्ट के तहत प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित स्मार्ट क्लासेज में टेलीविजन, अच्छा ई-कंटेंट और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इन स्मार्ट क्लासेज का किस तरह साप्ताहिक टाइम टेबल के आधार पर संचालन किया जाए, इसकी ई-बुकलेट भी स्कूलों में भेजी गई है. अब बारी शिक्षकों और संस्था प्रधानों की है, वे स्मार्ट क्लासेज के नियमित और सुचारू संचालन का दायित्व निभाएं. प्रदेश के स्कूलों में इस तरह पढ़ाई से आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव आएगा.

पढे़ं. स्कूल शिक्षा में 'मिशन स्टार्ट', ई-लेक्चर के जरिए 800 घंटे की क्लासेस की तैयारी

कहां से पढ़ें, इससे फर्क नहीं पड़ता : नवीन जैन ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई है या प्राईवेट स्कूल में. राजस्थान बोर्ड से या सीबीएसई से, मीडियम हिंदी है या फिर इंग्लिश. फर्क इस बात से पड़ता है कि पढ़ते कैसा हैं, पढ़ने का तरीका क्या हैं और कितनी मेहनत करते हैं? उन्होंने कहा कि बच्चे 9वीं से 12वीं तक के चार सालों में लगातार कड़ी मेहनत करें, इसके बल पर डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आरएएस बनने सहित कोई भी मुकाम प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से बीते दिनों प्रदेश में मिशन स्टार्ट की शुरुआत के बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में हर सप्ताह का अग्रिम टाइम टेबल बनाकर शाला दर्पण पोर्टल पर नियमित तौर पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए विभाग ने प्रारंभिक तौर पर 12 हजार सीनियर सेकेंडरी स्कूल का लक्ष्य तय किया था, जिसकी तुलना में फिलहाल शाला दर्पण पोर्टल पर 14 हजार 908 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों ने एडवांस टाइम टेबल के आधार पर स्मार्ट कक्षाओं में ई-कंटेंट के जरिए अध्यापन शुरू कर दिया है.

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