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जयपुर: रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण के हालातों की हुई समीक्षा

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Published : Sep 3, 2019, 8:19 PM IST

रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के संबंध में राजस्व, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, वन एवं खनन विभाग के अधिकारियों के साथ जेडीए प्रशासन ने मंगलवार को मंथन किया. जिसमें रामगढ़ के बहाव क्षेत्र में नियमित निगरानी करने और वहां काबिज अतिक्रमण हटाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए. साथ ही रामगढ़ बांध में राजस्व भूमि की स्थिति हर महीने समीक्षा कर डेटाबेस तैयार करने के भी निर्देश दिए गए.

जयपुर न्यूज, जेडीए प्रशासन न्यूज, JDA Administration News

जयपुर. प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल जल्द ही रामगढ़ बांध बहाव क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं. बता दें कि मंत्री के दौरा से पहले संबंधित सभी विभागों की ओर से अब तक की गई कार्रवाई की वस्तु स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इस संबंध में मंगलवार को जेडीए मुख्यालय पर जेडीए के साथ-साथ रेवेन्यू, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने बैठक किया. बैठक में पानी की आवक को सुचारू बनाने को लेकर क्या प्रयास किए जा सकते हैं, इसको लेकर चर्चा की गई.

रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण के हालातों की हुई समीक्षा

जानकारी के अनुसार बैठक में जेडीसी टी रविकांत ने रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में नियमित निगरानी करने और यहां मौजूद अतिक्रमणों को हटाने को लेकर जोन और प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिए. वहीं जेडीसी ने रामगढ़ बांध में राजस्व भूमि की स्थिति हर महीने समीक्षा कर डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए. इस दौरान रामगढ़ बांध के केचमेंट एरिया में राजस्व भूमि का सर्वे कराने और पक्के निर्माणों की शीघ्र रिपोर्ट मांगी गई. वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामगढ़ बांध के केचमेंट एरिया में कई वर्षों से बारिश कम हुई है, इसलिए बांध में पानी की आवक नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि बांध में पानी की आवक में किसी भी तरह की रुकावट नहीं हुई है.

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बता दें कि जेडीए के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सिंचाई विभाग से प्राप्त पत्र के अनुसार रामगढ़ बांध केचमेंट एरिया में 42 गांव शामिल हैं, जिनमें पीटी सर्वे कराकर अतिक्रमण का चिह्नीकरण कर 90 फ़ीसदी अतिक्रमण को हटा दिया गया है. वहीं जेडीए प्रशासन अब बचे हुए अतिक्रमण को जल्द हटाने का दावा कर रहा है. इस बीच सिंचाई विभाग की ओर से आए बयान ने चर्चा के रुख को मोड़ने का भी काम किया.

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