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प्रदेश में नगर निगम,परिषद और पालिकाओं के वार्डों का पुनर्गठन

राज्य सरकार ने नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं में वार्डों का पुनर्गठन कर दिया है.राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 61 (1) धाराओं के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न नगर निगमों परिषदों और पालिकाओं की सीटों का निर्धारण किया गया है.

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Published : Jun 11, 2019, 10:20 AM IST

सचिवालय (जयपुर)

जयपुर.राज्य सरकार ने नगर निगमों , परिषदों और पालिकाओं में वार्डों का पुनर्गठन कर दिया है , राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 61 (1) धाराओं के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न नगर निगमों परिषदों और पालिकाओं की सीटों का निर्धारण किया गया है , प्रदेश के सभी नगर निकायों को आदेश जारी कर निर्देशित किया गया है कि आगामी नगर निगमों परिषदों और पालिकाओं के चुनाव के लिए 10 वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर अधिसूचना 10 जून 2019 के अनुरूप वादों के पुनर्गठन हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

प्रदेश में नगर निगम...परिषद और पालिकाओं के वार्डों का पुनर्गठन

जिसमें बताया गया है कि 15000 तक कि जनसंख्या के शहर में 20 वार्ड, 15001 से 2500 की संख्या वाले शहरों में 25 वार्ड होंगे, 25001 से 40000 तक की संख्या के शहरों में 35 वार्ड, 40001 से 60000 तक के जनसंख्या वाले शहरों में 40 वार्ड, 600001 से 80000 तक की जनसंख्या के शहरों में 45 वार्ड, 800001 से 100000 तक लाख की जनसंख्या के शहरों में 55 वार्ड, 1000001 से 200000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 60 वार्ड, 2000001 से 350000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 65 वार्ड, 350001 से 500000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 70 वार्ड, 500001 से 800000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 80 वार्ड, 800001 से 100000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 85 वार्ड, 1000001 से 1500000 तक कि जनसंख्या वाले शहरों 100 वार्ड , 1500001 से ऊपर की जनसंख्या वाले शहरों में 150 वार्ड गठित होंगे ,

सभी नगरीय निकायों में निर्धारित सीटों की जनसंख्या के अनुसार वार्डों का गठन और पूर्वसीमांकन का कार्य मुख्य नगरपालिका अधिकारी को नगर नियोजन के सहयोग से नियमित अवधि में पूर्ण करना है. इसके लिए राजस्थान नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 के तहत मुख्य नगरपालिका अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है , मुख्य न्याय पालिका अधिकारी अपनी-अपनी पालिका क्षेत्रों में वार्ड के गठन के संबंध में वार्डों की सीमा निर्धारित करेंगे और सीमा निर्धारित प्रारूप एवं नक्शे पर आपत्ति आमंत्रित करेंगे इसी के साथ प्राप्त आपत्तियों का निराकरण करेंगे यह कार्यक्रम समयअवधि में पूर्ण किया जाएगा.

वादों के सीमा निर्धारण एवं प्रारूप के प्रकाशन के पश्चात वार्डों के गठन के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत सभी आपत्तियों को दस्तावेजों को अपनी टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा. जिसके बाद राज्य सरकार मुख्य न्याय पालिका अधिकारी के प्राप्त वार्डों के गठन पर विचार कर वार्डों के सीमांकन के अंतिम रूप प्रदान करेगी. अनुसूचित जाति जनजाति के लिए कौन से वार्ड आरक्षित होंगे यह भी निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप मुख्य नगरपालिका अधिकारी तय करेंगे.

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