जयपुर. जिला बाल संरक्षण इकाई जयपुर के सहयोग से आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग के शिविर में 8 से 13 वर्ष की आयु के 400 से अधिक बच्चों ने भाग लिया. तीन दिवसीय कार्यक्रम 22 मई को शुरू हुआ. बच्चों ने इस शिविर में विभिन्न योग आसन, शक्तिशाली श्वास तकनीक और ध्यान सीखा. उन्होंने इसके अलावा व्यक्तित्व विकास खेलों, समूह प्रक्रियाओं और ज्ञान सत्रों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया. पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों में से एक ने बताया कि ध्यान करते समय उसे गहरा आराम और शांति महसूस हुई.
इसके अलावा संकाय सदस्यों में से एक ने बताया कि बच्चे कार्यक्रम को करने के बाद वास्तव में खुश महसूस कर रहे हैं. शिविर बहुत जानकारीपूर्ण और मनोरंजक था जिसमें बच्चों को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है. भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित जाएंगे.
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई जयपुर के सहायक निदेशक रोहित जैन ने बताया कि महामारी के इस कठिन समय में इस पाठ्यक्रम की बहुत आवश्यकता थी. पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले श्वास अभ्यास वर्तमान समय में अधिक प्रासंगिक हैं क्योंकि यह शरीर का श्वसन तंत्र है जो वायरस से सबसे अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है.