जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को ध्यानाकर्षण के जरिए विधायक बलजीत यादव ने शहीदों के माता-पिता को मिलने वाली सहायता का मामला उठाया. यादव ने कहा कि शहीद की पत्नी को तो आर्थिक सहायता मिल जाती है, लेकिन कई बार कम उम्र की होने के चलते शहीद की पत्नी का दोबारा विवाह हो जाता है और उसे मिलने वाली सारी सहायता उसके साथ चली जाती है. लेकिन शहीद के मां-बाप को कुछ भी नहीं मिलता.
विधायक बलजीत यादव ने उठाया शहीदों के माता-पिता की सहायता का मुद्दा, मंत्री ने दिया ये जवाब - प्रताप सिंह खाचरियावास
राजस्थान विधानसभा में विधायक बलजीत यादव ने शहीदों के माता-पिता को सहायता देने का मामला उठाया. इस दौरान उन्होंने कहा, शहीद की पत्नी अगर कम उम्र की होती है तो दूसरी शादी हो जाती है, जिससे सारी सहायता उनके साथ चली जाती है. ऐसे में माता-पिता खाली हाथ रह जाते हैं. इसलिए सरकार को चाहिए कि उनका भी ध्यान रखे.
विधायक ने आगे कहा कि कई बार तो उन्हें शहीद के बच्चों को भी रखना पड़ता है, लेकिन उनके पास किसी तरीके की आर्थिक सहायता नहीं होने के चलते संकट खड़ा हो जाता है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अविवाहित शहीदों के माता-पिता को मिलने वाली पेंशन को 1500 से बढ़ाकर 3 हजार कर दिया गया है.
सैनिक कल्याण मंत्री खाचरियावास ने कहा कि सरकार शहीदों के परिजनों की पूरी सहायता करने के लिए कटिबद्ध है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर शहीदों के माता-पिता के साथ किसी तरीके की परेशानी आ रही है तो उसे दिखाया जाएगा, सरकार हमेशा उनके लिए तैयार है.