बस्सी (जयपुर).राजस्थान में गौवंश में फैल रही लंपी स्किन बीमारी को लेकर (Cow Death in Hingonia Goshala) सरकार व प्रशासन अलर्ट है. बीमारी की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग मुस्तैद है. क्षेत्र की हिंगोनिया गौशाला में गौवंश में लंपी स्किन बीमारी का मामला सामने आने के बाद पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया व जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित शुक्रवार को हिंगोनिया गौशाला पहुंचे.
उन्होंने यहां लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित गौवंश की स्थिति की जानकारी ली और मौजूद चिकित्साकर्मियों को आवश्यक (Hingonia Cow Rehabilitation Center) दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान मीडिया से बातचीत में मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि सरकार हर तरह से मुस्तैद है. गौवंश को बचाने की हम सभी की जिम्मेदारी है. शहर हो या गांव, जहां से इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल रही है, वहां टीम भेजी जा रही है.
हिंगोनिया गौशाला की स्थिति, सुनिए किसने क्या कहा... पशुओं का टीकाकरण कर लोगों को साफ-सफाई के प्रति (Lalchand Kataria Reviewed Hingonia Goshala) जागरूक किया जा रहा है. कलेक्टर राजपुरोहित ने कहा कि गौशाला में प्रोटोकॉल बना हुआ है. बाहर से आने वाले गौवंश को अलग रखा जा रहा है. बीमार गायों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है.
पढ़ें :लंपी वायरस से अब तक जितनी गायों की मौत, 10 दिन में इस गौशाला में हो जाता है उससे ज्यादा गौवंश 'काल का शिकार'
गौशाला हाई अलर्ट मोड पर :हिंगोनिया गौशाला के प्रबंधक प्रेम आनंद के अनुसार तकरीबन 4 दिन पहले गौशाला में चंद मामले थे, लेकिन बीते दिनों से यह मामले लगातार बढ़ कर सामने आ रहे हैं. रोजाना बाहर से आने वाले गोवंश की बड़ी संख्या होने के कारण इन मामलों में फिलहाल इजाफा देखा गया है. प्रेम आनंद के मुताबिक संक्रमित और स्वस्थ पशु एक साथ गाड़ियों के जरिए भरकर गौशाला में लाए जाते हैं. ऐसे में फिलहाल आइसोलेशन के जरिए ही वे इन गायों की पहचान कर रहे हैं. गौशाला की ओर से नगर निगम को लिए निर्देश भी दिया गया है कि संक्रमित गायों को अलग से लाया जाए.
गौशाला में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक राधेश्याम मीणा ने बताया कि पृथक बाड़े में संक्रमित पशुओं का इलाज किया जा रहा है. साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगातार फॉगिंग की व्यवस्था की गई है. वही संक्रमित गायों को भी विशेष मॉनिटरिंग में रखा जा रहा है.
लंपी को लेकर लापरवाही : राजधानी के नगर निगम प्रशासन अब तक लंपी बीमारी को लेकर चेते नहीं हैं. पशु प्रबंधन शाखा की ओर से की जा रही कार्रवाई में संक्रमित और स्वस्थ्य पशु एक साथ गाड़ियों के जरिए हिंगोनिया गौशाला पहुंच रहे हैं. नतीजन शहर की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला तक लंपी वायरस जा पहुंचा है. हालांकि, अभी भी इस संबंध में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किए गए हैं.
हिंगोनिया गौशाला में लंपी बीमारी के प्रभावी इलाज के लिए पशुपालन विभाग की तरफ से हिंगोनिया गौशाला में व्यापक इंतजाम किए गए हैं. जिसके तहत गौशाला में रोजाना आने वाले गोवंश को शुरुआती दौर में क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही संक्रमित पशुओं को आइसोलेट रखने के साथ ही इलाज की व्यवस्था शुरू की गई है, ताकि किसी और गोवंश में ये बीमारी न फैले. लेकिन जयपुर में शहर से हिंगोनिया गौशाला तक लावारिस गोवंश को पकड़ कर ले जाने के दौरान लापरवाही बरती जा रही है.
यहां स्वस्थ्य और संक्रमित गोवंश को एक साथ हिंगोनिया तक ले जाया जा रहा है. जिसकी वजह से हिंगोनिया में अब तक 80 गोवंश संक्रमित पाए जा चुके हैं. इसे लेकर हेरिटेज निगम के एडिशनल कमिश्नर आशीष कुमार ने बताया कि गौशाला प्रबंधन को मौखिक निर्देश दिए गए हैं कि शहर से ले जाई जा रही गायों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यकता होने पर वैक्सीनेशन और आइसोलेशन करने के बाद ही अन्य गायों के साथ बाड़े में छोड़ा जाए. हालांकि, संक्रमित और स्वस्थ्य गायों को अलग-अलग ले जाने के सवाल पर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जो भी गाय पशु प्रबंधन शाखा की ओर से पकड़ी जाती है, उन्हें शहर में लावारिस घूमने पर पकड़ा जाता है. उस दौरान तत्काल टेस्ट किया जाना संभव नहीं है और न ही अभी शहरी क्षेत्रों में लंपी बीमारी व्यापक स्तर पर फैलने की सूचना है.
वहीं, ग्रेटर निगम के पशु प्रबंधन शाखा से जुड़े डॉ राजेंद्र छोलक ने बताया कि अब जयपुर से पहुंचने वाले गोवंश को 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा. वहीं शुक्रवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया हिंगोनिया गौशाला पहुंचे. यहां कटारिया ने लंपी वायरस से प्रभावित गायों की स्थिति देखी. इस दौरान जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित भी उनके साथ मौजूद रहे. हिंगोनिया में लंपी वायरस से प्रभावित 80 गायें आई थी. फिलहाल 30 गाय हो रिकवर हो चुकी हैं, जबकि 50 का उपचार अभी भी जारी है.