जयपुर. प्रदेश में कार्य कर रहे निजी और सरकारी क्षेत्र के चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन का काम राजस्थान मेडिकल कौंसिल द्वारा किया जाता है. समय-समय पर इन चिकित्सकों से जुड़ी जानकारी जुटाने का काम भी कौंसिल करता है. हाल ही में दो फर्जी चिकित्सकों से जुड़ा मामला भी कौंसिल के सामने आया था, जिसके बाद फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई.
राजस्थान मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुनीत राणावत ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सकों और फर्जी डिग्री वाले डॉक्टरों के खिलाफ बीते साल चिकित्सा विभाग की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई थी. जिसमें 500 से अधिक पर कार्रवाई की गई थी. समय-समय पर चिकित्सा विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड होने के बाद ही प्रदेश में चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. उन्हीं चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन होता है जिन्होंने मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से संबंध मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की डिग्री हासिल की है. प्रदेश में मौजूदा स्थिति की बात करें तो करीब 50,000 से अधिक चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिसमें करीब 11,000 चिकित्सक सरकारी अस्पतालों और अन्य चिकित्सक निजी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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