जयपुर.इस बार श्राद्ध पक्ष के बाद आश्विन अधिकमास शुरू होने के कारण मातामह श्राद्ध यानी नानी-नाना का श्राद्ध नहीं निकाला जा सका. शास्त्रों की परंपरा के अनुसार हर साल पहले नवरात्रि को यह श्राद्ध निकाला जाता है, लेकिन अब पुरुषोत्तम मास समाप्त होने पर निज आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शनिवार को निकाला जाएगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार मातामह एक ऐसा श्राद्ध है, जो एक पुत्री अपने पिता और एक नाती अपने नाना को तर्पण के रूप में करता है. इस श्राद्ध को सुख शांति का प्रतीक माना गया है. जिसमें कई धर्म का ग्रंथ महिलाओं को श्राद्ध का अधिकार देते हैं, जो कि शनिवार को है. इस दिन परिजनों की स्मृति में तर्पण और श्राद्ध कर्म की तिथि अनुसार करने की परंपरा है लेकिन कई बार तिथि पता नहीं होने या दिवंगत के परिवार में संतान ना होने सहित कई समस्याएं होती हैं तो इस स्थिति में मातामह श्राद्ध के दिन नाती तर्पण कर सकता है.