जयपुर. जिले के गोविन्ददेव जी मंदिर में मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ. जन्म के समय 31 हवाई गर्जनाओं के बीच श्रीकृष्ण प्रकट हुए. भगवान के दर्शन के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ा था. जन्म के साथ ही प्रभु के बलाइयां लेने के लिए हजारों हाथ एक साथ उठे और सभी राधे-राधे का नाम जप रहे थे.
भगवान श्री कृष्ण की एक झलक पाने के लिए कई घंटों से लोग टकटकी लगाए हुए थे. पूरा वातावरण मृदंग, मंजीरों की धुन से और जन्मे कृष्ण कन्हाई, बधाई हो बधाई की गूंज से गुंजायमान था. चारों तरफ रंग बिरंगी रोशनी, आतिशबाजी और नाचते गाते भक्तों के बीच माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया था.
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इसी बीच मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में ठाकुरजी का पंचामृत जन्माभिषेक किया गया. जन्माभिषेक के दौरान ठाकुर जी को 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 50 किलो बुरा और 11 किलो शहद से तैयार पंचामृत से अभिषेक किया गया. वहीं भोग में पंजीरी लड्डू, ख़िरसा, कुल्हड़ रबड़ी शामिल थे. अभिषेक के बाद सभी भक्तों को पंचामृत और पंजीरी का वितरण प्रसादी के रुप में बांटा गया. इससे पहले दर्शनों के लिए भक्तों का तांता देर रात तक देखने को मिला.
सुबह से ही जयपुर के छोटी काशी मंदिर में आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर, राधा दामोदर गोपीनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों की कतारें लगी रहीं, जो देर रात तक भगवान के अवतरित होने तक देखने को मिली. चारों तरफ भगवान श्रीकृष्ण के अवतार लेने के बाद मंदिरों में 'जय कन्हैया लाल की,हाथी घोड़ा पालकी' के जयकारों के साथ मंदिर गूंज उठे.