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जेडीए ने 300 करोड़ की भूमि से हटाए कब्जे, विरोध में पानी की टंकी पर चढ़ा युवक मधुमक्खियों के डर से नीचे उतरा - जेडीए ने 300 करोड़ की भूमि से हटाए कब्जे

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने बुधवार को विश्वकर्मा इलाके के मल्होत्रा नगर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 300 करोड़ रुपए की करीब 11 बीघा जमीन से कब्जे (action against encroachment in Jaipur) हटाए. इस कार्रवाई के विरोध में एक युवक पानी की टंकी पर चढ़ गया. हालांकि मुधमक्ख्यिों के डर से स्वयं ही नीचे भी उतर गया.

JDA set free Rs 300 crore encroached land
जेडीए ने 300 करोड़ की भूमि से हटाए कब्जे, विरोध में पानी की टंकी पर चढ़ा युवक

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Published : Nov 9, 2022, 4:27 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 4:40 PM IST

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने बुधवार को वीकेआई के मल्होत्रा नगर क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए 300 करोड़ की बेशकीमती जमीन पर कब्जा लिया. कार्रवाई के विरोध में एक युवक पानी की टंकी पर जा चढ़ा. लेकिन मधुमक्खियों के डर से उसे टंकी से नीचे उतरना पड़ा.

जेडीए ने बुधवार को जोन 2 में वीकेआई स्थित मल्होत्रा नगर में बेशकीमती जमीन से अतिक्रमण हटा कर कब्जा लिया. करीब 11 बीघा सरकारी जमीन पर 40-50 वर्षों से चल रहे अवैध कब्जों-अतिक्रमणों को जेडीए ने प्रवर्तन दस्ते के भारी जाब्ते और पुलिस के सहयोग से हटाया. हालांकि जेडीए की कार्रवाई के विरोध में कार्रवाई से प्रभावित छोटू मीणा पानी की टंकी पर चढ़ गया. लेकिन मधुमक्खियों के डर से युवक टंकी से नीचे उतर आया. इसके बाद भी वो निर्माण ध्वस्त करने का विरोध करता रहा.

जेडीए ने बेशकीमती जमीन से हटाए कब्जे

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मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि जेडीए स्वामित्व की बेशकीमती सरकारी भूमि पर गोदाम, मार्बल गोदाम, ऑफिस, दुकानें, झुग्गी-झोपड़ियां और आवास बनाकर अतिक्रमण कर रखा था. जेडीए ने 3 उप नियंत्रक, 10 प्रवर्तन अधिकारी, पुलिस जाब्ता, 5 जेसीबी, 10 ट्रेक्टर की सहायता से इस अतिक्रमण को हटाते हुए जेडीए की सरकारी जमीन पर कब्जा लिया गया. कब्जे में ली गयी सरकारी भूमि की अनुमानित कीमत करीब 300 करोड़ बताई जा रही है.

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उन्होंने बताया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की जानकारी मिलते ही उपायुक्त जोन-2 से अतिक्रमण प्रफोर्मा रिपोर्ट प्राप्त कर धारा 72 जेडीए एक्ट के अंतर्गत अतिक्रमियों को 15 नोटिस जारी किए गए. नोटिसों का जवाब प्राप्त होने पर विधिक परीक्षण में उनके जवाब असंतोषप्रद पाये गये. अतिक्रमियों की ओर से जारी नोटिसों के विरुद्ध अपीलीय अधिकरण में भी अपील की गई.

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हालांकि राजस्थान उच्च न्यायालय ने इसी मामले में वर्ष 2018 में जेडीए के पक्ष में फैसला सुनाया था. अतिक्रमी पर एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाने के भी आदेश दिए. ऐसे में अपीलीय न्यायालय की ओर से भी स्थगन आदेश नहीं दिए गए. इससे पहले कार्रवाई का विरोध करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि इस जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. बावजूद इसके जेडीए ने मनमानी करते हुए कार्रवाई की. उन्होंने इस जमीन को पुस्तैनी जमीन बताया.

Last Updated : Nov 9, 2022, 4:40 PM IST

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