सोल ऑफ जयपुर थीम पर पिंकसिटी को सजाया जा रहा है जयपुर.राजधानी में इन दिनों पर्यटन सीजन चल रहा है. इसके मद्देनजर प्रदेश का टूरिज्म डिपार्टमेंट, जयपुर के निगम प्रशासन और जयपुर विकास प्राधिकरण तो अपने-अपने स्तर पर स्वच्छता, रंग रोगन और प्रोजेक्ट्स पर काम करता ही है, लेकिन बीते 5 साल से जयपुर के युवा भी पिंकसिटी को संवारने में लगे हुए हैं. इस इनिशिएटिव को धरातल पर उतारने वाले हिम्मत सिंह ने बताया कि "रंग दे जयपुर" की शुरुआत 5 साल पहले की गई थी. जिसके तहत गुलाबी नगरी के लाखों स्क्वायर फीट एरिया का सौंदर्यीकरण किया गया है. उन्होंने बताया कि भास्कर फ्लाईओवर, दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन, गांधीनगर रेलवे स्टेशन की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स की जा चुकी है. अब करीब 15 हजार स्क्वायर फीट एरिया पर काम शुरू किया है.
शहर को सुंदर बनाने का प्रयास :हिम्मत सिंह ने बताया कि दिल्ली और आगरा से आने वाले लोगों के लिए मोती डूंगरी सर्किल एंट्रेंस रूट है, ये जयपुर की प्राइम लोकेशन में भी शामिल है. करीब 400 वॉलंटियर ने मिलकर दीवारों पर पेंटिंग्स की है. उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान के इनीशिएटिव से जुड़ा हुआ है. कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें और शहर को सुंदर बनाने में हाथ बटाएं.
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इस बार सोल ऑफ जयपुर है थीम : हिम्मत सिंह ने बताया कि इस इनीशिएटिव से न सिर्फ प्राइवेट कंपनी, एनजीओ, स्कूल कॉलेज के छात्र बल्कि कई शहरवासी भी जुड़े हुए हैं. एक प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन से जुड़ी प्रियंका ने बताया कि हर साल अलग-अलग थीम लेकर शहर को खूबसूरत बनाने के लिए युवाओं की टोली निकलती है. इस बार सोल ऑफ जयपुर थीम पर जयपुर के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है. पिछली बार बेटर प्लेनेट थीम पर काम किया गया था, जिसमें मानसरोवर और B2 बायपास पर पेंटिंग की गई थी.
एंट्री प्वाइंट्स पर पेंटिंग्स :उन्होने बताया कि इस बार सोल का जयपुर के तहत जयपुर के कॉरिडोर कहे जाने वाले दिल्ली-आगरा से आने वाले लोगों के एंट्री प्वाइंट्स पर पेंटिंग्स की जा रही है. एक दीवार पर जयपुर की खासियत बताने वाली खबरों को डिस्प्ले किया जा रहा है, तो दूसरी दीवार पर लेपर्ड सफारी बनाई गई है. एक दीवार पर जयपुर के प्रमुख खान-पान को उकेरा जा रहा है. एक दीवार पर काइट फेस्टिवल और एक दीवार हैंडीक्राफ्ट को डेडिकेट की गई है. जयपुर की आम बोलचाल में शामिल शब्दों को भी एक दीवार पर लिखा गया है. जयपुर की पहचान में शुमार प्रमुख चीजों को इन दीवारों पर पेंटिंग्स के जरिए उकेरा जा रहा है.
हिम्मत सिंह ने बताया कि पहले ग्राउंड वर्क किया जाता है, जो दीवार निगम, जेडीए से जुड़ी हुई हैं, उसके लिए संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से अनुमति ली जाती है. घरों की दीवारों पर उनके मकान मालिकों से परमिशन लेने के बाद ही पेंटिंग्स का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर वॉलंटियर उनके ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हुए हैं.